Last Updated on October 22, 2025 15:00, PM by Khushi Verma
FII & DII fund flow : विदेशी निवेशकों (FIIs/FPIs) ने मंगलवार, 21 अक्टूबर को 96 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय इक्विटी शेयर खरीदे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने मुहूर्त ट्रेडिंग के अंत तक 1527 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट बिकवाली की। कल DIIs ने 324 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 931 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इसके विपरीत, FIIs ने 622 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, लेकिन उन्होंने कुल 526 करोड़ रुपये के शेयर बेचे भी।
इस साल अब तक FIIs 2.40 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के नेट सेलर रहे हैं, जबकि DIIs ने 6.02 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
वेंचुरा के रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर ने कहा कि मुहूर्त ट्रेडिंग 2025 में 2024 के ठंडे रुझान की तुलना में सतर्क के साथ तेजी का नजरिया दिखाई दिया। सेंसेक्स 84,600 तक चढ़ा और निफ्टी 25,900 के आसपास रहा। ज़्यादातर सेक्टर हरे निशान में रहे, जिनमें आईटी, बैंकिंग, ऑटो और फार्मा शेयर सबसे आगे रहे। त्योहारी खपत और मज़बूत घरेलू निवेश के कारण ब्रॉडर मार्केट में सुधार हुआ।”
इसके विपरीत, 2024 के मुहूर्त ट्रेडिंग को दौरान उतार-चढ़ाव भरे दौर के बाद धीमी बढ़त देखने को मिली थी। ग्लोबल अनिश्चितता के चलते मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा था। संवत 2081 में, निफ्टी ने अब तक मिड सिंगल डिजिट बढ़त हासिल की है, जिससे वित्त वर्ष 2025 की कमजोर अर्निंग ट्रेंड अब अपने बॉटम पर पहुंची दिख रही है, यहां से इसमें सुधार आ सकता है। इससे संवत 2082 के लिए एक बेहतर स्थिति के संकेत मिल रहे हैं।
वर्तमान में निफ्टी CY26 फॉरवर्ड P/E के 18 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो इसके औसत 17 गुना से थोड़ा ऊपर है। इससे ऐसा लगता है कि आगे और गिरावट की संभावना सीमित है। ऐसे में उम्मीद है कि निफ्टी मौजूदा स्तरों से तेजी पकड़ सकता है। उम्मीद है कि सरकारी उपायों के चलते आगे घरेलू खपत में बढ़त हो सकती है। इसके चलते तीसरी तिमाही से अर्निंग्स में बढ़त देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही अमेरिका के साथ ट्रेड डील होने की उम्मीद भी बढ़ रही है। इसके अलावा ब्याज दरों में कटौती और सरकारी कैपेक्स में बढ़त भी बाजार के लिए गुड फैक्टर हैं। इन वजहों से संवत 2082 बाजार के लिए अच्छा रह सकता है।
