Last Updated on October 22, 2025 23:31, PM by Pawan
माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला को वित्त-वर्ष 2024-25 में 96.5 मिलियन डॉलर यानी 847 करोड़ रुपए सैलरी मिली। यह उनकी अब तक की सबसे बड़ी सैलरी है, जो पिछले साल की तुलना में 22% ज्यादा है।
वित्त-वर्ष 2023-24 में सत्या नडेला को 79.1 मिलियन डॉलर यानी 694 करोड़ रुपए सैलरी मिली थी। कंपनी के बोर्ड ने इस ग्रोथ का क्रेडिट माइक्रोसॉफ्ट की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में शानदार प्रोग्रेस को दिया है।
नडेला की बेसिक सैलरी 22 करोड़ रुपए
बोर्ड का कहना है कि नडेला और उनकी टीम ने माइक्रोसॉफ्ट को AI सेक्टर में दुनिया का लीडर बना दिया है। नडेला के इस सैलरी पैकेज में 2.5 मिलियन डॉलर यानी 22 करोड़ रुपए बेसिक सैलरी है, बाकी का ज्यादातर हिस्सा (लगभग 90%) माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों के रूप में है।
सिर्फ नडेला ही नहीं, उनकी टॉप टीम की कमाई में भी इजाफा हुआ है। चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर एमी हूड को 29.5 मिलियन डॉलर (259 करोड़ रुपए) और कमर्शियल बिजनेस हेड जडसन अल्थॉफ को 28.2 मिलियन डॉलर (247 करोड़ रुपए) का पैकेज मिला।
क्लाउड और AI में माइक्रोसॉफ्ट का दबदबा
नडेला की लीडरशिप में माइक्रोसॉफ्ट ने क्लाउड कंप्यूटिंग और AI में जबरदस्त ग्रोथ हासिल की है। कंपनी का Azure क्लाउड बिजनेस अमेजन जैसे बड़े कॉम्पिटिटर्स को कड़ी टक्कर दे रहा है।
इस साल माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 23% की बढ़ोतरी हुई है, जो कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। नडेला ने शुरुआत में ही क्लाउड सर्विसेज की ताकत को पहचान लिया था और Azure को मार्केट लीडर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
गिटहब-लिंक्डइन जैसे कंपनियों को खरीदा
नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट को सिर्फ सॉफ्टवेयर कंपनी तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने गिटहब और लिंक्डइन जैसे बड़ी कंपनियों को खरीदा, जिससे कंपनी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और प्रोफेशनल नेटवर्किंग में भी मजबूत हुई।
इसके अलावा गेमिंग सेक्टर में माइक्रोसॉफ्ट की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए एक्टिविजन ब्लिजार्ड को खरीदा गया। जिसने कंपनी को गेमिंग की दुनिया में और मजबूत कर दिया।
माइक्रोसॉफ्ट की OpenAI के साथ पार्टनरशिप
नडेला का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक रहा OpenAI में निवेश। 2019 में माइक्रोसॉफ्ट ने इस छोटे से AI स्टार्टअप में 1 बिलियन डॉलर यानी 8,775 करोड़ रुपए लगाए। बाद में ChatGPT की कामयाबी ने OpenAI को AI की दुनिया का सुपरस्टार बना दिया।
माइक्रोसॉफ्ट ने फिर 10 बिलियन डॉलर (87,745 करोड़ रुपए) का एडिशनल निवेश किया। वहीं अब कंपनी के लगभग हर प्रोडक्ट और सर्विस में AI फीचर्स जोड़े गए हैं।
नडेला का हैदराबाद से माइक्रोसॉफ्ट तक का सफर
हैदराबाद में जन्मे सत्या नडेला ने 1988 में मंगलुरु यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली। इसके बाद अमेरिका जाकर उन्होंने 1990 में यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स किया। उन्होंने करियर की शुरुआत सन माइक्रोसिस्टम्स से की थी।
इसके बाद उन्होंने 1992 में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन की थी। यहां उन्होंने Windows NT जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया और धीरे-धीरे कंपनी के क्लाउड बिजनेस की लीडरशिप संभाली। 4 फरवरी 2014 को वे बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के बाद माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे CEO बने थे।
