Last Updated on October 21, 2025 9:53, AM by Khushi Verma
Mutual funds in IPOs: आईपीओ मार्केट में इस साल काफी रौनक रही और म्यूचुअल फंड्स ने इसे काफी गुलजार किया। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 2025 में अब तक म्यूचुअल फंड्स ने करीब ₹22,750 करोड़ का निवेश किया जोकि इस साल आईपीओ के जरिए जुटाए गए ₹1.22 लाख करोड़ का करीब 19% है। फंड हाउसेज ने जनवरी से अक्टूबर के मध्य तक इसमें से ₹15,158 करोड़ एंकर बुक के जरिए की और बाकी ₹7,590 करोड़ नॉन-एंकर क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर (QIB) के जरिए की। विदेशी निवेशकों के मिले-जुले रुझान के बावजूद म्यूचुअल फंड्स को आईपीओज में हिस्सा लेने के लिए एसआईपी में हर महीने के औसतन ₹20 हजार करोड़ के निवेश से सपोर्ट मिला।
सबसे अधिक किन IPOs में Mutual Funds ने डाले पैसे?
म्यूचुअल फंड्स ने इस साल आईपीओ में करीब ₹22,750 करोड़ डाले। इसमें से करीब 44% तो सिर्फ इस साल के पांच सबसे बड़े आईपीओ में डाल दिए जिनकी इस साल आए आईपीओ में 42% हिस्सेदारी रही। टाटा कैपिटल ने (Tata Capital) ने ₹15,511.9 करोड़, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) ने ₹12,500 करोड़, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया (LG Electronics India) ने ₹11,604.7 करोड़, हेग्जावेयर टेक्नोलॉजीज (Hexaware Technologies) ने ₹8,750 करोड़ और एथर एनर्जी (Ather Energy) ने ₹2,980.8 करोड़ का आईपीओ पेश किया था।
इसमें से हेग्जावेयर टेक्नोलॉजीज में म्यूचुअल फंड्स ने ₹3,548 करोड़ डाले जो इस इश्यू का करीब 40.5% है। एथर एनर्जी के आईपीओ में भी म्यूचुअल फंड्स ने ₹1,379 करोड़ डाले। इनके अलावा म्यूचुअल फंड्स मे टाटा कैपिटल, एचडीबी फाइनेंशियल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया में भी ₹1,800-₹2200 करोड़ डाले। इनके अलावा फंड हाउसेज ने एंथेम बॉयोसाइंसेज ने ₹738 करोड़, श्लॉस बंगलुरू में ₹839 करोड़ और जेएसडब्ल्यू सीमेंट में ₹656 करोड़ डाले। इस प्रकार महज आठ आईपीओ में ही म्यूचुअल फंड्स ने ₹8,000 करोड़ से अधिक डाल दिए। वहीं दूसरी तरफ डेंटा वाटर एंड इंफ्रा सॉल्यूशंस, स्कोडा ट्यूब्स, ग्लोटिस लिमिटेड और एडवांस एग्रोलाइफ समेत 32 कंपनियों के आईपीओ ऐसे रहे जिसमें म्यूचुअल फंड्स का या तो कोई दिलचस्पी नहीं दिखी या बिल्कुल मामूली दिखी। इसमें से अधिक आईपीओ ₹400 करोड़ से कम के रहे।
सेक्टरवाइज बात करें तो आईटी और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर्स के आईपीओ में म्यूचुअल फंड्स ने ₹9100 करोड़ डाले जो इस साल उनके कुल निवेश का करीब 40% रहा। आईटी और डिजिटल बिजनेस सेगमेंट की हेग्जावेयर टेक्नोलॉजीज, एंथेम बॉयोसाइंसेज और आदित्य इंफोटेक में म्यूचुअल फंड्स ने ₹4,590 करोड़ को फाइनेशियल सर्विसेज सेगमेंट की टाटा कैपिटल, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज और अर्बन कंपनी में करीब ₹4,480 करोड़ डाले। इन सबसे अलावा एथर एनर्जी, विक्रम सोलर और सात्विक ग्रीन जैसी कंज्यूमर और रिन्यूएबल-एनर्जी कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स ने करीब ₹2,400 करोड़ जबकि जेएसडब्ल्यू सीमेंट, बेलराइज इंडस्ट्रीज और श्लॉस बंगलूरु जैसी इंडस्ट्रियल और मैटेरियल्स कंपनियां में करीब ₹1,800 करोड़ डाले।
क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि देश के प्राइमरी मार्केट में म्यूचुअल फंड की बढ़ती हिस्सेदारी से बड़ा बदलाव आया है। प्राइम डेटाबेस के एमडी प्रणव हल्दिया का कहना है कि पहले आईपीओ मार्केट की रौनक अधिकतर विदेशी निवेशकों पर निर्भर थी लेकिन अब म्यूचुअल फंड्स के हर महीने एसआईपी के जरिए तगड़ा निवेश और मजबूत कैश बैलेंस ने इसे सपोर्ट कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि विदेशी निवेशकों की बेरुखी के बावजूद आईपीओ मार्केट की रौनक फीकी नहीं पड़ी।
