Last Updated on October 19, 2025 9:49, AM by Khushi Verma
एक बड़े वित्तीय विशेषज्ञ ने ग्लोबल शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका जताई है। उन्होंने निवेशकों को अधिक मुनाफे के लालच से बचने और पूंजी बचाने की सलाह दी है। विशेषज्ञ ने 1929 की महामंदी और 2000 के डॉट-कॉम बबल से मिलते-जुलते संकेत बताए हैं, जो बाजार को जोखिम भरे क्षेत्र में ले जा सकते हैं।
अच्छे नहीं हैं ये संकेत
आहूजा ने बताया कि साइक्लिकली एडजस्टेड प्राइस टू अर्निंग्स (CAPE) अनुपात वर्तमान में 39 पर है। इसे शिलर पीई भी कहा जाता है। यह पिछले सदी की सबसे बड़ी गिरावटों के दौरान देखे गए स्तरों से 23% ज्यादा है। इसका मतलब है कि आज बाजार का वैल्यूएशन ‘लगभग बेतुके रूप से फैला हुआ’ है। CAPE रेशियो कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन की तुलना पिछले दशक की इन्फ्लेशन-एडजस्टेड इनकम से करता है। आहूजा ने समझाया कि जहां 1929 और 2000 में यह अनुपात 32 से ऊपर था। वहीं, इसका वर्तमान स्तर बताता है कि स्टॉक लंबी अवधि के फंडामेंटल से कहीं ज्यादा कीमत पर बिक रहे हैं।
मार्केट वैल्यू के कुछ प्रमुख कंपनियों में कॉन्सेंट्रेशन पर भी आहूजा ने चेतावनी दी। उन्होंने बताया, ‘2000 में टेक फर्मों ने S&P 500 के मूल्य का 47% हिस्सा बनाया था। अब ‘मैग्निफिसेंट सेवन’ एआई-ऑपरेटेड कंपनियां इंडेक्स का 49% हिस्सा बनाती हैं।’ उन्होंने चेतावनी दी कि इसका मतलब है कि एआई वैल्यूएशन में मामूली सुधार भी व्यापक बाजार में गिरावट ला सकता है। कारण है कि बेंचमार्क इंडेक्स कुछ टेक्नोलॉजी दिग्गजों पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। यानी कॉन्सेंट्रेशन का रिस्क बहुत ज्यादा है।
40% तक टूट सकते हैं अमेरिकी बाजार
आहूजा के अनुसार, तीसरा संकेत यील्ड कर्व का उलटना है। यह तब होता है जब छोटी अवधि की ब्याज दरें लंबी अवधि की दरों से ज्यादा हो जाती हैं। ये ऐतिहासिक रूप से मंदी से पहले देखा गया पैटर्न है। उन्होंने कहा, ‘अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2024 तक अमेरिका में यह उलटा कर्व दिखाई दे रहा था। हालांकि, अब यह सामान्य हो गया है। यह आमतौर पर 12 से 18 महीनों के भीतर मंदी की भविष्यवाणी करता है।’ उन्होंने आगे कहा कि विश्लेषकों को उम्मीद है कि अमेरिकी बाजार अगले साल 30-40% गिर सकते हैं। इसका असर दुनिया के बाजारों पर भी पड़ेगा।
इन चेतावनी संकेतों को देखते हुए आहूजा ने निवेशकों से आक्रामक रिटर्न के बजाय पूंजी संरक्षण को प्राथमिकता देने की अपील की है। उन्होंने डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का सुझाव दिया है। इसमें लगभग 25% बैंक डिपॉजिट में, 20% सोने में और शेयर में कम हिस्सेदारी हो। उन्होंने यह भी नोट किया कि वॉरेन बफेट ने भी बर्कशायर हैथवे की कैश होल्डिंग्स को रिकॉर्ड 28-30% तक बढ़ा दिया है। यह एक साल पहले की तुलना में लगभग दोगुनी है। इसे एक रणनीतिक सावधानी का संकेत समझा जा सकता है।
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन पर दिया जोर
आहूजा ने जोर देकर कहा, ‘कोई भी बाजार की चाल का अनुमान नहीं लगा सकता है। लेकिन, संकेत बताते हैं कि अच्छा डायवर्सिफिकेशन और समझदारी इस समय स्मार्ट रणनीति हो सकती है।’ इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर काफी लोगों का ध्यान खींचा है। एक यूजर ने लिखा, ‘डेटा साफ तौर से दिखाता है कि बाजार अभी कितने ओवरहीटेड दिख रहे हैं।’ एक अन्य ने कहा, ‘1929 और 2000 के साथ समानताएं आश्चर्यजनक हैं। अगले 12 महीने उन लोगों को अलग कर सकते हैं जिन्होंने सट्टा लगाया था और जिन्होंने योजना बनाई थी।’
