Last Updated on October 19, 2025 11:45, AM by Khushi Verma
बढ़ती अनिश्चितता और धातु की कीमतों में उछाल के बीच सोना एक बड़ी चेतावनी दे रहा है। ऐसी चिंता जोहो के फाउंडर श्रीधर वेंबू ने जताई है। जोहो, क्लाउड बेस्ड बिजनेस सॉफ्टवेयर बनाती है। वेंबू ने द इकोनॉमिस्ट में पब्लिश इंटरनेशनल मॉनटेरी फंड (IMF) की पूर्व चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ के एक आर्टिकल पर कमेंट करते हुए यह बात कही। गोपीनाथ का मानना है कि अमेरिकी इक्विटी पर विश्व की निर्भरता अगले मार्केट क्रैश के असर को गहरा कर सकती है।
अमेरिकी शेयर बाजार आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के लिए उत्साह से प्रेरित होकर, अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर के आसपास मंडरा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रमुख ट्रेड पार्टनर्स पर टैरिफ लगाने के बाद नए सिरे से ट्रेड टेंशन पैदा हो गया है और अस्थिरता आ गई है। दुनिया बड़े ही खतरनाक तरीके से अमेरिकी स्टॉक्स पर निर्भर है। ऐसे में अगर बाजार क्रैश हुआ तो 35 लाख करोड़ डॉलर की वेल्थ साफ हो सकती है।
गोपीनाथ के आर्टिकल को टैग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वेंबू ने लिखा, ‘मैं डॉ. गीता गोपीनाथ से सहमत हूं। अमेरिकी शेयर बाजार एक साफ दिख रहे और विशाल बुलबुले में हैं। सिस्टम में लीवरेज इस वक्त जिस हद तक है, हम 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट जैसे किसी सिस्टेमेटिक ईवेंट की संभावना से इनकार नहीं कर सकते।’
वित्तीय जोखिम के खिलाफ एक बीमा है सोना
सोने को लेकर वेंबू ने कहा, ‘सोना एक बड़ी चेतावनी दे रहा है। मैं सोने को एक निवेश नहीं, बल्कि सिस्टेमेटिक वित्तीय जोखिम के विरुद्ध बीमा मानता हूं। आखिरकार फाइनेंस पूरी तरह से विश्वास पर बेस्ड है और जब कर्ज का स्तर इतना ऊंचा हो जाता है, तो विश्वास टूट जाता है।’ वेंबू का यह कमेंट ऐसे वक्त पर आया है, जब वैश्विक बाजार में बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता के बीच निवेशक सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश में हैं। सोने में निवेश लगातार बढ़ रहा है।
