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Share Market Rise: शेयर बाजार इन 5 कारणों से गुलजार, सेंसेक्स 550 अंक उछला, निफ्टी भी 25,300 के पार

Share Market Rise: शेयर बाजार इन 5 कारणों से गुलजार, सेंसेक्स 550 अंक उछला, निफ्टी भी 25,300 के पार

Last Updated on October 15, 2025 14:02, PM by Pawan

Share Market Rise: भारतीय शेयर बाजारों में लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद आज 15 अक्टूबर को तेजी लौटी। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 550 अंकों से अधिक उछल गया। वहीं निफ्टी बढ़कर 25,300 के पार पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना से निवेशकों को जोश हाई दिखा। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। सबसे अधिक तेजी रियल्टी, पावर, मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों में देखने को मिली।

सुबह 11 बजे के करीब, सेंसेक्स 555.45 अंकों या 0.68% की तेजी के साथ 82,585.43 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 175.30 अंकों या 0.7% की उछाल के साथ 25,320.80 पर कारोबार कर रहा था।

शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे 5 बड़े कारण रहे-

 

1. फेड रेट कट की उम्मीदों से बढ़ा उत्साह

शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का एक बयान रहा। पॉवेल ने संकेत दिया है कि अमेरिकी लेबर मार्केट कमजोर है और इकोनॉमी स्थिर हो रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई का नजरिया सितंबर जैसा ही है, जब फेडकल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी।

जेरोम पॉवेल के इस बयान के बाद यह उम्मीदें बढ़ गई हैं कि फेडरल रिजर्व इस महीने के अंत में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में एक और कटौती कर सकता है। इससे भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी निवेश का फ्लो बढ़ सकता है। अमेरिका में ब्याज दरें कम रहने से ट्रेजरी यील्ड को घटती है, जिससे विदेशी निवेशक उभरते बाजारों की ओर रुख करते हैं।

रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी ने कहा, “पॉवेल ने चेतावनी दी है कि हायरिंग में तेज गिरावट अमेरिका की इकोनॉमी के लिए खतरा बन सकती है। इसके चलते ब्याज दरों में इस साल दो बार कटौती होने की संभावना बढ़ गई है।”

2. वोलैटिलिटी में गिरावट

शेयर बाजार में अस्थिरता का संकेत देने वाला इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स (India VIX) बुधवार को करीब 4% गिरकर 10.76 पर पहुंच गया। इंडिया VIX में गिरावट का मतलब है कि अनिश्चितता कम हुई है, जिससे निवेशक अधिक जोखिम लेने के लिए तैयार होते हैं।

3. रुपये में मजबूती

भारतीय रुपया बुधवार को अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से 88 पैसे मजबूत होकर ₹87.93 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। फेडरल रिजर्व के नरम रुख के बाद डॉलर इंडेक्स में कमजोरी, क्रूड के दाम में गिरावट और RBI की संभावित दखल से रुपये को मजबूती मिली। भारतीय रुपये में मजबूत आमतौर पर निवेशकों का भरोसा बढ़ाता है और विदेशी पूंजी को आकर्षित करता है।

4. कच्चे तेल में गिरावट

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 0.19% गिरकर 62.27 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने चेतावनी दी है कि साल 2026 तक तेल की सप्लाई अधिक बनी रह सकती है। तेल की कीमतों में गिरावट भारत के लिए राहत है, क्योंकि देश अपनी तेल खपत का अधिकतरह हिस्सा विदेशों से आयात करता है।

5. ग्लोबल बाजारों से मजबूत संकेत

ग्लोबल बाजारों में तेजी से भी भारतीय शेयर बाजारों को सपोर्ट मिला। एशियाई शेयर बाजारों में साउथ कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सभी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं, वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स भी सुबह के कारोबार में हरे निशान में थे, जिससे अमेरिकी बाजारों के लिए मजबूती के साथ खुलने का संकेत मिलता है।

एनालिस्ट्स का क्या है कहना?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, “हालांकि मंगलवार की गिरावट को 20-दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) ने सीमित कर दिया, लेकिन बाजार का ओवरऑल ट्रेंड अभी भी सतर्क बना हुआ है। अगर निफ्टी 25,230 के स्तर को पार करता है, तो हम इसे पॉजिटिव संकेत मानेंगे। 25,330 के ऊपर ब्रेकआउट होने पर बाजार में और तेजी आ सकती है।”

डिस्क्लेमरः  एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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