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10 महीने में दोगुने हुए चांदी के दाम: ₹86 हजार से ₹1.75 लाख पर पहुंची, सोने से 37% ज्यादा रिटर्न; जानें इसमें निवेश कितना सही

10 महीने में दोगुने हुए चांदी के दाम:  ₹86 हजार से ₹1.75 लाख पर पहुंची, सोने से 37% ज्यादा रिटर्न; जानें इसमें निवेश कितना सही

Last Updated on October 15, 2025 7:11, AM by Pawan

 

इस साल चांदी के दाम दोगुने से ज्यादा बढ़कर 1.75 लाख प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। ये चांदी के दाम में इतिहास की सबसे बड़ी तेजी है। वहीं इसने सोने के मुकाबले 37% ज्यादा रिटर्न दिया है।

 

ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि चांदी के दाम इतने क्यों बढ़ रहे हैं? क्या ये चांदी खरीदने का सही समय है? चांदी में निवेश के सेफ तरीके कौन-कौन से हैं?

इस स्टोरी में इन्हीं सवालों के जवाब जानेंगे…

सवाल 1: चांदी के दाम दोगुने होने की क्या वजहें हैं?

फेस्टिव सीजन: भारत दुनिया में चांदी के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। दिवाली-धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। इससे चांदी की डिमांड बढ़ी है।

इंडस्ट्रियल डिमांड: चांदी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सोलर फैक्ट्रियों में होता है। इसके अलावा AI इंडस्ट्री और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में भी चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।

सप्लाई की कमी: चांदी की मांग तो बढ़ रही है, लेकिन इसकी सप्लाई में रुकावट आ रही है। कुछ देशों में पर्यावरण नियम या खदान बंद होने से प्लान्ड माइनिंग कम हो गई है।

इसके अलावा लगभग 70% चांदी, कॉपर और जिंक जैसी दूसरी धातुओं की खुदाई के दौरान बाय प्रोडक्ट के रूप में निकलती है। जब तक तांबे की खुदाई नहीं बढ़ती, चांदी की सप्लाई नहीं बढ़ सकती। इस डिमांड और सप्लाई के भारी अंतर के कारण लगातार पांचवे साल चांदी की कमी बनी हुई है।

सवाल 2: क्या इस समय चांदी में निवेश करना सही है?

जवाब: मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि चांदी के दाम रिकॉर्ड हाई पर है, इसलिए आक्रामक खरीदारी से बचना चाहिए…

  • रेनिशा चेनानी, ऑगमेंट की हेड ऑफ रिसर्च, कहती हैं, US शटडाउन, टैरिफ्स और फेड रेट कट्स से निवेशक चांदी खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा लंबी अवधि की तेजी जारी रह सकती है, लेकिन रिकॉर्ड स्तर पर शार्ट टर्म रिस्क को देखते हुए नई खरीदारी से बचना चाहिए और गिरावट का इंतजार करना चाहिए।
  • अजय केडिया, केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर ने बताया है कि चांदी ने पहले ही 100% का गेन दिखा दिया है, इसलिए अभी आक्रामक खरीदारी सही नहीं है। लेकिन लंबी अवधि में, खासकर सोने के मुकाबले चांदी ज़्यादा तेजी से बढ़ेगी। 2024 के अंत में उन्होंने 2025 की पहली छमाही में निवेश के लिए चांदी को पहली पसंद बताया था और ETF के जरिए एंट्री लेने की सलाह दी थी।
  • अनुज गुप्ता, HDFC सिक्योरिटीज के हेड (कमोडिटी एंड करेंसी) ने कहा कि चांदी अभी गोल्ड से ज्यादा आकर्षक वैल्यू पर है। वे कहते हैं, चांदी का प्राइस हाइक इंडस्ट्रियल डिमांड से है। चीन में ब्याज दरें कम होने से फैक्ट्रियां तेजी से चल रही हैं। उनका मानना है कि उतार चढ़ाव के साथ यह तेजी जारी रहेगी। गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए।

सवाल 3: चांदी में किस तरह निवेश कर सकते हैं?

जवाब: चांदी में निवेश के 3 पॉपुलर तरीके हैं…

फिजिकल सिल्वर: यह सबसे सीधा तरीका है। आप बाजार जाकर चांदी के सिक्के या बार खरीद सकते हैं। इसमें चोरी या शुद्धता की चिंता रहती है, इसलिए BIS हॉलमार्क्ड चांदी ही खरीदना चाहिए। इसे जाने-माने ज्वेलर्स, बैंक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से खरीद सकते हैं।

सिल्वर ईटीएफ: ये एक ऐसा फंड है, जो चांदी की कीमतों पर आधारित है। इसमें पैसा चांदी की कीमत के हिसाब से बढ़ता-घटता है। ये स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की तरह ट्रेड होते हैं। इसे खरीदने के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है। चोरी या शुद्धता की कोई चिंता नहीं करनी पड़ती।

सिल्वर फ्यूचर्स: यह ट्रेडिंग का तरीका है, जहां आप एक कॉन्ट्रैक्ट करते हैं कि आप भविष्य की किसी तारीख पर एक तय कीमत पर चांदी खरीदेंगे या बेचेंगे। यह MCX (कमोडिटी एक्सचेंज) पर होता है। इसमें आप कम पैसे लगाकर मार्जिन के साथ ज्यादा मूल्य की चांदी खरीद या बेच सकते हैं, लेकिन इसमें रिस्क ज्यादा है।

चांदी ने शेयर बाजार, गोल्ड, FD से ज्यादा रिटर्न दिया

 

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