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10000 करोड़ रुपये से बड़े IPOs… एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के आईपीओ ने तो रेकॉर्ड बना दिया, जानें कौन रहा पीछे

10000 करोड़ रुपये से बड़े IPOs… एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के आईपीओ ने तो रेकॉर्ड बना दिया, जानें कौन रहा पीछे

Last Updated on October 14, 2025 17:53, PM by Khushi Verma

LG IPO Listing: एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स आईपीओ की मंगलवार को लिस्टिंग शानदार रही। यह लिस्टिंग 10000 करोड़ रुपये से बड़े आईपीओ के इतिहास में एक नया कीर्तिमान भी रच गई।

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया आईपीओ का रेकॉर्ड
 
नई दिल्ली: एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने मंगलवार को शेयर बाजार में शानदार एंट्री मारी। कंपनी के शेयर इश्यू प्राइस 1140 रुपये से 50% ज्यादा प्रीमियम पर लिस्ट हुए। यह लिस्टिंग न सिर्फ निवेशकों के लिए फायदेमंद रही, बल्कि 10000 करोड़ रुपये से बड़े आईपीओ के इतिहास में एक नया कीर्तिमान भी रच गई। आमतौर पर इतने बड़े आईपीओ के बाद शेयर की कीमत बनाए रखना मुश्किल होता है। इससे पहले सबसे ज्यादा लिस्टिंग प्रीमियम का रेकॉर्ड कोल इंडिया के नाम था, जिसका आईपीओ साल 2010 में आया था।

एलजी ने कैसे किया कमाल?

एक्सपर्ट का मानना है कि इसके पीछे कई वजहें हैं। कंपनी की वैल्यूएशन (शेयर का सही दाम) काफी वाजिब थी, बाजार में उसकी मजबूत पकड़ है और भविष्य में कमाई की अच्छी उम्मीदें हैं। एलजी के पास घर के उपकरण, टीवी और एसी जैसे कई तरह के प्रोडक्ट हैं। भारत के कंज्यूमर ड्यूरेबल्स बाजार में एलजी का दबदबा है और वह अपने प्रतिस्पर्धियों से मार्जिन और ग्रोथ दोनों में आगे है।

एक्सपर्ट ने दी ‘बाय’ रेटिंग

एलजी को ‘बाय’ रेटिंग देने वाले और 12 महीने के लिए 1820 रुपये का टारगेट प्राइस रखने वाले एम्बिट कैपिटल ने कंपनी के भविष्य को बेहतर बनाने वाले कई कारकों पर प्रकाश डाला है। इनमें लोकलाइजेशन (स्थानीय उत्पादन बढ़ाना), प्रीमियमइजेशन (महंगे और बेहतर क्वालिटी वाले प्रोडक्ट बेचना), एक्सपोर्ट बढ़ाना और जीएसटी के कारण मांग में आई तेजी शामिल हैं।एम्बिट कैपिटल ने कहा कि एलजी के कई प्रोडक्ट कैटेगरी में अभी भी बाजार में पैठ कम है, जिससे ग्रोथ की काफी गुंजाइश है। सिक्स सिटी प्लांट से कंपनी की उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगी और FY28 तक एक्सपोर्ट 4% बढ़ जाएगा। ब्रोकरेज का अनुमान है कि FY25-28 के दौरान कंपनी के रेवेन्यू (कमाई) में 11% और EBITDA (ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोर्टाइजेशन से पहले की कमाई) में 13% की सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ोतरी होगी।

खास है यह लिस्टिंग

जब भारत के पिछले बड़े आईपीओ से तुलना की जाती है तो एलजी की लिस्टिंग और भी खास हो जाती है। साल 2010 में कोल इंडिया का आईपीओ ही इस कैटेगरी में एकमात्र सफल रहा था, जो 39.7% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ और बाद में निवेशकों का पैसा लगभग दोगुना कर दिया। बाकी बड़े आईपीओ जैसे रिलायंस पावर, पेटीएम, एलआईसी आदि उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। साल 2021 में पेटीएम का 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लिस्टिंग के दिन ही 27% गिर गया था, जबकि एलआईसी का रिकॉर्ड 20,557 करोड़ रुपये का आईपीओ लगभग 8% नीचे लिस्ट हुआ था। एलजी का यह शानदार डेब्यू एक बदलाव का संकेत देता है। यह दिखाता है कि अगर कंपनी के फंडामेंटल्स (बुनियादी ताकत) मजबूत हों,

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