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Tata Steel Share: टाटा ग्रुप की इस कंपनी के शेयर बने रॉकेट, साल 2025 में भर दी जेब, क्या डॉलर कमजोर होने से आई तेजी?

Tata Steel Share: टाटा ग्रुप की इस कंपनी के शेयर बने रॉकेट, साल 2025 में भर दी जेब, क्या डॉलर कमजोर होने से आई तेजी?

Last Updated on October 9, 2025 9:07, AM by Pawan

नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा स्टील के शेयर इस साल जबरदस्त तेजी दिखा रहे हैं। साल 2025 में अब तक ये शेयर 25% से ज्यादा बढ़ चुके हैं। इस तेजी की वजह है धातुओं के बाजार में आया उछाल। अमेरिका के ब्याज दरें घटाने की उम्मीद, डॉलर का कमजोर होना और यूरोप का चीनी स्टील पर टैरिफ (शुल्क) बढ़ाने का प्लान, इन सबने मिलकर धातुओं के बाजार को सहारा दिया है। बुधवार दोपहर करीब 3 बजे यह शेयर करीब 0.41% की तेजी के साथ 172.10 रुपये पर कारोबार रहा थ

क्या और आ सकती है तेजी?

शेयर ने साल की शुरुआत से अच्छी बढ़त हासिल करने के बाद 166 रुपये से 175 रुपये के बीच एक सीमित दायरे में कारोबार किया है। जानकारों का कहना है कि अगर शेयर इस ऊपरी दायरे को पार कर लेता है, तो यह और तेजी दिखा सकता है।

बोनैन्जा के सीनियर टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट कुणाल कामले कहते हैं कि टाटा स्टील पिछले कुछ दिनों से एक छोटी सी रेंज में ट्रेड कर रहा है। इससे खरीदारों और विक्रेताओं के बीच जोर-आजमाइश का पता चलता है। कामले ने यह भी बताया कि शेयर अपने बड़े EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से ऊपर चल रहा है, जो तेजी का संकेत देता है।

क्यों आ रही इसमें तेजी?

इस साल अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीदों ने दुनिया भर की कमोडिटी की कीमतों को ऊपर उठाया है। इससे डॉलर कमजोर हुआ है और लोगों का जोखिम लेने का हौसला बढ़ा है। स्टील, कॉपर, जिंक और एल्यूमीनियम जैसी धातुओं में तेजी आई है, क्योंकि निवेशक महंगाई से बचाव के तरीके ढूंढ रहे हैं और सप्लाई में कमी की उम्मीद कर रहे हैं।

यह तेजी टाटा स्टील जैसे स्टील उत्पादकों के लिए खास तौर पर फायदेमंद रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोपीय संघ (ईयू) आयातित स्टील पर टैरिफ दोगुना करने और आयात कोटे (निर्धारित मात्रा) को लगभग आधा करने की तैयारी कर रहा है। इस हफ्ते आने वाले इस प्रस्ताव में कोटे से ज्यादा की मात्रा पर ड्यूटी 50% तक बढ़ाई जा सकती है। जानकारों का कहना है कि इससे यूरोपीय स्टील निर्माताओं को बेहतर दाम मिलेंगे।

लेकिन कुछ चिंताएं भी हैं

निवेशक भले ही टेक्निकल लेवल्स और बड़े मैक्रो (व्यापक आर्थिक) कारणों पर ध्यान दे रहे हों, लेकिन टाटा स्टील एक नियामक (सरकारी नियमों से जुड़ी) चिंता का सामना भी कर रहा है। 3 अक्टूबर को कंपनी को ओडिशा के जाजपुर स्थित डिप्टी डायरेक्टर ऑफ माइंस के ऑफिस से 2,410.9 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस मिला है। यह नोटिस सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक से क्रोमियम अयस्क की कथित कमी के लिए जारी किया गया है।

 

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