Last Updated on October 9, 2025 15:02, PM by Khushi Verma
LG Disputed Tax Liabilities: एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स आईपीओ के आईपीओ पर सवाल उठ रहे हैं। कंपनी की करीब 5 हजार करोड़ रुपये की विवादित टैक्स देनदारियां सामने आई हैं।
कुल नेटवर्थ से कहीं ज्यादा देनदारी
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार इनगॉवर्न ने यह भी बताया है कि एलजी इंडिया पर 4,717 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारियां (contingent liabilities) हैं। यह रकम कंपनी की कुल नेटवर्थ का 73% है। ये देनदारियां मुख्य रूप से इनकम टैक्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स से जुड़े विवादों के कारण हैं। कंपनी ने इन विवादों के लिए कोई रकम अलग से नहीं रखी है। फर्म के अनुसार, कंपनी का कहना है कि कानूनी सलाह और अपीलीय मंचों पर चल रही सुनवाई के कारण उन्होंने ऐसा नहीं किया है।
रॉयल्टी को लेकर भी सवाल
टैक्स विवादों का एक बड़ा हिस्सा प्रमोटर को दिए जाने वाले रॉयल्टी और तकनीकी सेवा शुल्कों पर ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़ा है। ट्रांसफर प्राइसिंग का मतलब है कि एक ही कंपनी की अलग-अलग इकाइयों के बीच सामान या सेवाओं का लेन-देन किस कीमत पर होता है। इनगॉवर्न ने इस बात पर जोर दिया है कि लाइसेंस समझौते के तहत या अन्यथा प्रमोटर को किए जाने वाले रॉयल्टी भुगतान नियामक जांच या कार्रवाई को आकर्षित कर सकते हैं। आईपीओ फाइलिंग के समय, एलजी इंडिया पर केवल रॉयल्टी भुगतान से संबंधित 315 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारी थी, और नियामक समीक्षाओं के साथ यह आंकड़ा बढ़ सकता है।
…तो संचालन में आएगी बाधा
सलाहकार फर्म ने यह भी बताया कि कोरियाई मूल कंपनी शेयरधारक की मंजूरी के बिना, घरेलू विनिर्माण के वार्षिक समेकित टर्नओवर का 5% तक रॉयल्टी शुल्क बढ़ा सकती है। पिछले तीन वर्षों में, रॉयल्टी का भुगतान राजस्व का 1.63% से 1.90% रहा है। यह व्यवस्था अल्पसंख्यक निवेशकों की निगरानी के बिना मार्जिन को प्रभावित कर सकती है।
इनगॉवर्न ने चेतावनी दी है कि यदि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक. छह महीने के नोटिस पर स्थायी लाइसेंस समझौते को समाप्त या बदलता है, तो कंपनी का एलजी ब्रांड के तहत निर्माण और बिक्री का अधिकार समाप्त हो जाएगा, जिससे संचालन में भारी बाधा आएगी। आईपीओ के बाद, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपनी भारतीय इकाई में 85% हिस्सेदारी बनाए रखेगा। इससे मूल कंपनी का बोर्ड के फैसलों और संबंधित पार्टियों के साथ होने वाले सौदों पर प्रभावी नियंत्रण रहेगा।
