Last Updated on October 9, 2025 7:48, AM by Pawan
Global Fintech Fest में SEBI चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारत का कैपिटल मार्केट अब तकनीकी तौर पर एडवांस्ड, ट्रांसपेरेंट और इन्क्लूसिव इकोसिस्टम की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. SEBI लगातार ऐसे सुधारों पर काम कर रहा है जो निवेशकों के अनुभव को आसान बनाएं और मार्केट की कार्यक्षमता को बेहतर करें. उन्होंने कहा कि कैपिटल मार्केट में बड़े स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं ताकि निवेशकों को अधिक एम्पावर किया जा सके. इसके लिए SEBI तकनीक को अपना सबसे बड़ा सहयोगी मानता है.
निवेशकों के लिए तकनीक बनी वरदान
SEBI प्रमुख ने बताया कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. इसका मुख्य कारण मार्केट में आई फ्रेंडली टेक्नोलॉजी है, जिसने निवेश को आसान बनाया. उन्होंने कहा कि T+1 सेटलमेंट सिस्टम के आने से मार्केट की लिक्विडिटी में सुधार हुआ है और निवेशकों को समय पर पेमेंट मिलने लगा है. इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की वजह से निवेश अब छोटे शहरों और गांवों तक पहुंच चुका है, जिससे भारतीय कैपिटल मार्केट वास्तव में “इन्क्लूसिव” बन रहा है.
रेगुलेटर की सबसे बड़ी सहयोगी
सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे ने कहा कि मौजूदा माहौल में टेक्नोलॉजी ही रेगुलेटर की सबसे बड़ी सहयोगी है. SEBI अब इन-हाउस सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है ताकि फिनफ्लुएंसर्स पर नजर रखी जा सके और निवेशकों को गलत दिशा में जाने से रोका जा सके. इससे न केवल मार्केट की पारदर्शिता बनी रहती है बल्कि रेगुलेटर को भी रियल-टाइम में बाजार की गतिविधियों की जानकारी मिलती है.
क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए SEBI की तैयारी
SEBI चेयरमैन ने कहा कि संस्था अब क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing) जैसी उभरती तकनीकों के लिए तैयारी कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में जो पासवर्ड क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) तकनीक के जरिए बनाए गए हैं, वे क्वांटम कंप्यूटर के सामने ज्यादा देर सुरक्षित नहीं रहेंगे.
उन्होंने कहा कि SEBI यह सुनिश्चित कर रहा है कि जहां भी कैपिटल मार्केट सिस्टम में क्रिप्टोग्राफी बेस्ड पासवर्ड या सुरक्षा सिस्टम इस्तेमाल हो रहे हैं, उन्हें क्वांटम-रेडी बनाया जाए ताकि भविष्य में किसी तरह का सुरक्षा जोखिम न हो.
क्रिप्टोकरेंसी पर भी जताई चिंता
तुहिन कांत पांडे ने बताया कि क्रिप्टोग्राफी ही क्रिप्टोकरेंसी और स्टेबल कॉइन जैसी डिजिटल संपत्तियों की भी रीढ़ की हड्डी (Backbone) है. अगर क्वांटम कंप्यूटिंग के कारण यह सुरक्षा तंत्र कमजोर हुआ, तो सबसे पहले क्रिप्टो सेक्टर प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि SEBI इस चुनौती को लेकर गंभीर है और अपनी सुरक्षा ढांचे को क्वांटम-सुरक्षित (Quantum Secure) बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है.
तकनीक से बढ़ी मार्केट एफिशिएंसी
SEBI प्रमुख ने कहा कि तकनीक ने न केवल मार्केट की एफिशिएंसी बढ़ाई है, बल्कि डेटा एनालिटिक्स, AI और मशीन लर्निंग के जरिए मार्केट रेगुलेशन को भी स्मार्ट बनाया है. अब रियल-टाइम मॉनिटरिंग और ट्रांजैक्शन ट्रैकिंग से पारदर्शिता में जबरदस्त सुधार हुआ है. उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में भारत का कैपिटल मार्केट दुनिया के सबसे सुरक्षित और तकनीकी रूप से मजबूत बाजारों में गिना जाएगा.
खबर से जुड़े FAQs
Q1. Global Fintech Fest में SEBI चीफ ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारत का कैपिटल मार्केट तकनीक की मदद से एडवांस्ड और ट्रांसपेरेंट बन रहा है.
Q2. SEBI क्वांटम कंप्यूटिंग की तैयारी क्यों कर रहा है?
क्योंकि भविष्य में क्वांटम कंप्यूटर मौजूदा पासवर्ड और क्रिप्टोग्राफी सिस्टम को तोड़ सकते हैं.
Q3. क्रिप्टोकरेंसी पर SEBI की क्या राय है?
SEBI का मानना है कि क्वांटम युग में सबसे पहले क्रिप्टो सिस्टम असुरक्षित हो सकते हैं.
Q4. निवेशकों की संख्या क्यों बढ़ रही है?
टेक्नोलॉजी के आसान और फ्रेंडली इंटरफेस ने निवेशकों के लिए मार्केट को सुलभ बनाया है.
Q5. फिनफ्लुएंसर्स पर SEBI कैसे नजर रख रहा है?
इन-हाउस सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सिस्टम से गलत जानकारी फैलाने वालों पर निगरानी रखी जा रही है.
