Last Updated on October 7, 2025 17:05, PM by Pawan
एम्प्लॉयी पेंशन स्कीन के तहत मिलने वाली एक हजार रुपए महीने की मिनिमम पेंशन बढ़कर 2500 रुपए हो सकती है। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग में इस पर फैसला हो सकता है। ये मीटिंग 10-11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होनी है।
अगर पेंशन बढ़ाने का प्रपोजल मीटिंग में पास हो गया, तो ये 11 साल में पहली बढ़ोतरी होगी। ₹1000 महीने की न्यूनतम पेंशन 2014 में तय की गई थी और तब से ये नहीं बढ़ी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को न्यूनतम पेंशन मिल रही है।
पेंशन किसे मिल सकती है?
जो कोई भी कम से कम 10 साल की लगातार नौकरी पूरी करके 58 साल की उम्र तक पहुंच जाता है, वो ईपीएस के तहत नियमित पेंशन के हकदार हो जाता है।
अगर सदस्य बीच में नौकरी छोड़ दे, तो वो या तो अपनी जमा हुई पेंशन निकाल सकता है या फिर कम रकम वाली पेंशन चुन सकता है।
EPS 95 पेंशन स्कीम क्या है?
- एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम 1995 को EPFO ने 19 नवंबर 1995 को लॉन्च किया था। ये स्कीम ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन देती है।
- EPFO इसका मैनेजमेंट करता है और गारंटी देता है कि 58 साल की उम्र पहुंचने पर कर्मचारियों को पेंशन मिलेगी। इस स्कीम के फायदे पुराने और नए दोनों मेंबर्स को मिलते हैं।
- भले ही आप एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम में कितना भी कंट्रीब्यूट करे, भारत सरकार ने न्यूनतम पेंशन की एक फिक्स्ड रेंज तय की हुई है। कर्मचारियों को ये अमाउंट मिल जाता है।
ईपीएफओ पेंशन कैसे तय होती है?
पेंशन एक फिक्स्ड फॉर्मूले से कैलकुलेट होती है: पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी × पेंशनेबल सर्विस) ÷ 70
पेंशनेबल सैलरी मतलब आखिरी 60 महीनों की सर्विस में औसत बेसिक सैलरी + डीए।
पेंशनेबल सैलरी की मैक्सिमम लिमिट 15,000 रुपए महीने है। मतलब, अगर किसी मेंबर ने 35 साल सर्विस की है तो उसे लगभग 7,500 रुपए महीने की पेंशन मिल सकती है।
मीटिंग में ईपीएफओ 3.0 पर भी चर्चा होगी
सीबीटी मीटिंग में न्यूनतम पेंशन संशोधन के अलावा ईपीएफओ 3.0 जैसे डिजिटल रिफॉर्म्स पर चर्चा भी होगी। इसके मुख्य फीचर्स में एटीएम से सीधे पीएफ विड्रॉल, यूपीआई से तुरंत पैसे निकालना, क्लेम सेटलमेंट को तेज करना शामिल हैं।
