Last Updated on October 4, 2025 13:59, PM by Khushi Verma
Tata Capital IPO: टाटा सन्स की सब्सिडरी और कई प्रकार की फाइनेंशियल सर्विसेज मुहैया कराने वाली टाटा कैपिटल का आईपीओ अगले हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी 6 अक्टूबर को खुलेगा। ₹15,511 करोड़ का आईपीओ खुलने से पहले एंकर निवेशकों से यह ₹4642 करोड़ जुटा चुकी है और एंकर बुक में सबसे अधिक पैसे देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी एलआईसी न लगाए। यहां इस आईपीओ से जुड़ी 10 अहम बातें बताई जा रही है, जिसे जान लें और फिर आईपीओ में निवेश से जुड़ा फैसला लें।
1. प्राइस बैंड और लॉट साइज
टाटा कैपिटल के ₹15,511.87 करोड़ के आईपीओ में ₹310-₹326 के प्राइस बैंड और 46 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे।
2. अहम डेट्स
टाटा कैपिटल का आईपीओ 6 अक्टूबर को खुलेगा और 8 अक्टूबर को बंद होगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 9 अक्टूबर को फाइनल होगा। फिर बीएसई और एनएसई पर 13 अक्टूबर को एंट्री होगी।
3. एंकर बुक
आईपीओ खुलने से पहले कंपनी ने 135 एंकर निवेशकों से ₹4641.82 करोड़ जुटाए। इन्हें ₹326 के भाव पर 14,23,87,284 शेयर जारी हुए हैं। सबसे बड़ी एंकर इनवेस्टर एलआईसी रही जिसने ₹700 करोड़ में 2,14,72,386 शेयर खरीदे जोकि एंकर बुक का 15.08% हिस्सा है। एंकरबुक में 5,06,25,668 शेयर (एंकर बुक की 35.55% हिस्सेदारी) 59 स्कीमों के जरिए 18 घरेलू म्युचूअल फंड्स को जारी हुए हैं।
4. ग्रे मार्केट में स्थिति यानी GMP
ग्रे मार्केट में टाटा कैपिटल के शेयरों की स्थिति कमजोर हो रही है। ग्रे मार्केट में इसके शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से ₹13 यानी 3.99% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। वहीं जिस दिन प्राइस बैंड का ऐलान हुआ था, उस समय जीएमपी ₹28 थी। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।
5. आईपीओ में कितने शेयर होंगे जारी
टाटा कैपिटल के आईपीओ के तहत ₹6,846.00 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा ₹10 की फेस वैल्यू वाले 26,58,24,280 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए इसकी प्रमोटर टाटा सन्स 23 करोड़ और निवेशक इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) 3,58,24,280 शेयर बेचेगी। टाटा कैपिटल में टाटा संस की 92.83% हिस्सेदारी है।
6. रजिस्ट्रार
टाटा कैपिटल के आईपीओ का रजिस्ट्रार एमयूएफजी इनटाइम है यानी कि शेयरों का अलॉटमेंट फाइनल होने के बाद इसकी साइट पर जारी अलॉटमेंट स्टेटस देख सकेंगे कि कितने शेयर मिले। इसके अलावा बीएसई की साइट पर भी स्टेटस देख सकेंगे।
7. कैसे होगा आईपीओ के पैसों का इस्तेमाल?
ऑफर फॉर सेल का पैसा शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी के टियर-1 कैपिटल बेस को बढ़ाने में होगा।
8. क्या है टाटा कैपिटल का कारोबार?
टाटा कैपिटल एक एनबीएफसी है जो कंज्यूमर लोन, कॉमर्शियल फाइनेंस, वेल्थ मैनेजमेंट, इंवेस्टमेंट बैंकिंग, प्राइवेट इक्विटी और क्लीनटेक फाइनेंस जैसी सर्विसेज ऑफर करती है। देश भर में इसके डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में 1,516 ब्रांचेज हैं जो देश के 27 राज्यों और यूनियन टेरिटरीज के 1109 लोकेशंस पर हैं।
9. कैसी है कारोबारी स्थिति?
टाटा कैपिटल के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹2,945.77 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹3,326.96 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर ₹3,655.02 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 44% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹13,637.49 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में इसे ₹1,040.93 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹7,691.65 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हुई।
कंपनी पर कर्ज वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में ₹1,13,335.91 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹1,48,185.29 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹2,08,414.93 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में यह ₹11,899.32 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹18,121.83 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹24,299.36 करोड़ पर पहुंच गया। इस वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो जून 2025 के आखिरी में इस पर ₹2,11,851.60 करोड़ का कर्ज था और रिजर्व और सरप्लस में ₹29,260.88 करोड़ थे।
10. क्या हैं रिस्क?
टाटा कैपिटल के पोर्टफोलियो में पिछले तीन वर्षों से अनसिक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी 20% से अधिक बनी हुई है। इसके अलावा टाटा कैपिटल से जुड़ा एक अहम रिस्क ये है कि इसके खिलाफ अभी 283 आपराधिक मामले चल रहे हैं। हालांकि इनमें से सभी मामले गंभीर नहीं हैं लेकिन कुल मिलाकर ये ₹765 करोड़ की आकस्मिक देनदारी के बराबर हैं। अब वैल्यूएशन को लेकर बात करें तो आईपीओ के अपर प्राइस बैंड के हिसाब से इसके शेयर पिछले 12 महीने की कमाई के मुकाबले 33 गुना और बुक वैल्यू के 4.2 गुना पर हैं। इस प्रकार पियर्स के औसतन 27.2x P/E और 3.6x P/B के मुकाबले इश्यू महंगा दिख रहा है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
