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बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी की याचिका खारिज की: SBI अकाउंट से फ्रॉड टेग हटाने की अपील की थी; ₹2,929 करोड़ के फ्रॉड का आरोप

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी की याचिका खारिज की:  SBI अकाउंट से फ्रॉड टेग हटाने की अपील की थी; ₹2,929 करोड़ के फ्रॉड का आरोप

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर को उद्योगपति अनिल अंबानी की SBI के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। याचिका में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस के खातों को फ्रॉड घोषित कर दिया गया था।

 

अनिल अंबानी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि SBI ने उनके खातों को फ्रॉड घोषित करने से पहले उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं दिया। दरअसल SBI ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनी पर 2,929 करोड़ रुपए के फंड की हेराफेरी का आरोप लगाया था।

बैंक की शिकायत के बाद, यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपा गया था। इसके बाद CBI ने अंबानी से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी भी की थी। कोर्ट के फैसले के बाद, SBI के खातों को धोखाधड़ी घोषित करने का निर्णय बरकरार रहेगा।

CBI के बाद ED भी जांच में जुटी

SBI के साथ लोन फ्रॉड मामले में रिलायंस ग्रुप (RCOM) के चेयरमैन अनिल अंबानी पर एक और केस दर्ज हुआ था। एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने CBI की शिकायत के आधार पर एनफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दाखिल की है। ये ECIR ED के लिए पुलिस की FIR जैसी होती है।

CBI ने मुंबई में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के ऑफिस और अनिल अंबानी के घर पर शनिवार (23 अगस्त) को छापेमारी की थी। इसी मामले में CBI ने ED को मामला दर्ज करने के लिए कहा था।

4 सवाल-जवाब में SBI से जुड़ा पूरा मामला:

सवाल 1: अनिल अंबानी के ग्रुप के खिलाफ CBI ने कार्रवाई क्यों की थी?

जवाब: मामला SBI द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 2,929 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है। कंपनी ने ये लोन नहीं चुकाया। इसे फ्रॉड माना गया, क्योंकि कंपनी ने लोन के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया या नियमों का पालन नहीं किया।

सवाल 2 : अनिल अंबानी के मामले में CBI की क्या भूमिका है?

जवाब: इससे पहले CBI ने दो मामलों में FIR दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग लोन से जुड़े हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम लिया था।

इसके बाद एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ED के साथ जानकारी साझा की। ED भी इस मामले की जांच कर रही है।

सवाल 3: जांच में अब तक क्या-क्या सामने आया?

जवाब: ED ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ये एक “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:

  • कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
  • कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।
  • लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।
  • फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।
  • पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।

सवाल 4: अनिल अंबानी की कंपनियों पर और क्या आरोप हैं?

जवाब: कुछ दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और खुद अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया था।

SBI का कहना है कि RCom ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया। इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए।

SBI ने ये भी कहा कि हम इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में चल रही है।

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अनिल अंबानी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

1. अनिल अंबानी को ED का लुकआउट नोटिस: 5 अगस्त को पूछताछ होगी, देश छोड़ने की अनुमति नहीं; 3 हजार करोड़ का लोन फ्रॉड मामला

जुलाई के आखिर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ ₹3000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनिल अंबानी को इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर के अप्रूवल के बिना भारत छोड़ने की अनुमति नहीं है। अगर वह विदेश यात्रा करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें एयरपोर्ट या बंदरगाह पर हिरासत में लिया जा सकता है।

2. अनिल अंबानी ED के ऑफिस पहुंचे: ₹17,000 करोड़ लोन फ्रॉड मामले में आज पूछताछ; 1 अगस्त को लुकआउट नोटिस जारी हुआ था

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और MD अनिल अंबानी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 5 अगस्त को पूछताछ की। वित्तीय जांच एजेंसी ने 1 अगस्त को समन जारी कर उन्हें पेश होने के लिए कहा था। वे दिल्ली के ED ऑफिस पहुंच चुके हैं।

अनिल पर कई मामलों में कुल मिलाकर 17,000 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग और लोन फ्रॉड मामले में ये पूछताछ होगी। इससे पहले यस बैंक के साथ 3000 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड मामले में पूछताछ की बात कही गई थी।

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