Last Updated on October 2, 2025 15:07, PM by Khushi Verma
Internet shutdown: आज के इस डिजिटल युग में बिना इंटरनेट के कुछ भी करना मुश्किल है। चाहे आप ऑफिस का काम कर रहे हों, ऑनलाइन क्लास ले रहे हों या फिर ट्रैविलंग कर रहे हों हर जगह इंटरनेट की जरूरत पड़ रही है। लेकिन अक्सर आपने सुना होगा की अचानक किसी पूरे शहर का इंटरनेट बंद हो जाता है। आखिर ऐसा कैसे होता है और इसके पीछे कौन-सी टेक्नॉलिजी काम करती है? आइए जानते हैं डिटेल में।
Internet कैसे चलता है?
आपको बता दें कि इंटरनेट, फाइबर ऑप्टिक केबल्स से चलता है। ये केबलें जमीन के अंदर या समुंद्र के नीचे बिछाई जाती हैं और लाखों करोड़ों डेटा पैकेट्स को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाती हैं। वहीं, जब किसी प्रॉबलम की वजह से यह केबल कट जाती है या फिर खराब हो जाती है या जानबूझकर इन्हें बंद किया जाता है, तो पूरे इलाके का इंटरनेट ठप पड़ जाता है। जिससे लोगों को इंटरनेट यूज करने में समस्याएं आती हैं।
Internet shutdown की तकनीक
सरकारें या इंटरनेट प्रोवाइड कराने वाली कंपनी जब चाहे तब तकनीकी तौर पर इंटरनेट को बंद कर सकती हैं। इसके लिए इंटरनेट शटडाउन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए दो प्रमुख तरीके अपनाए जाते हैं:
IP Blocking: किसी खास वेबसाइट, ऐप या सर्विस का एक्सेस ब्लॉक कर दिया जाता है, ताकि लोग उस तक न पहुंच सकें।
Kill Switch: यह तकनीक पूरे नेटवर्क को एक साथ बंद कर देती है। टेलीकॉम कंपनियों के पास मौजूद कंट्रोल सिस्टम से सिग्नल काट दिए जाते हैं और तुरंत इंटरनेट काम करना बंद कर देता है।
Internet shutdown क्यों किया जाता है?
इंटरनेट शटडाउन करने के तो बहुत से कारण हैं। जैसे- कई बार सरकारें कानून-व्यवस्था बनाए रखने, दंगे को भड़कने से रोकने और अफवाहों को रोकने के लिए पूरे शहर का इंटरनेट बंद कर देती हैं। ऐसे मामलों में इंटरनेट शटडाउन को सुरक्षा उपाय के तौर पर अपनाया जाता है। दूसरी ओर, तकनीकी खराबी भी इंटरनेट बंद होने का बड़ा कारण है। जैसे किसी बड़े डेटा सेंटर में सर्वर डाउन होना, बिजली की समस्या, साइबर अटैक, या केबल कटने जैसी घटनाएं।
क्या होता है असर?
क्या है समाधान?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंटरनेट को पूरी तरह से बंद करना सही समाधान नहीं है। इसकी जगह कंट्रोल्ड एक्सेस या आंशिक पाबंदियां लगाना ज्यादा बेहतर विकल्प हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, अफवाहों पर रोक लगाने के लिए केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अस्थायी रूप से ब्लॉक किया जा सकता है, जबकि जरूरी ऑनलाइन सेवाएं जारी रहनी चाहिए। साथ ही, साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित रखने से तकनीकी गड़बड़ियों के कारण होने वाले इंटरनेट शटडाउन की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।