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RBI का बड़ा ऐलान, अब बेसिक सेविंग्स अकाउंट के ग्राहकों को भी मिलेंगी डिजिटल बैंकिंग सेवाएं

RBI का बड़ा ऐलान, अब बेसिक सेविंग्स अकाउंट के ग्राहकों को भी मिलेंगी डिजिटल बैंकिंग सेवाएं

Last Updated on October 1, 2025 17:07, PM by Pawan

आरबीआई ने त्योहारों के मौके पर एक बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 1 अक्टूबर को कहा कि अब बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) होल्डर्स को भी डिजिटल बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी। इससे करोड़ों बैंक अकाउंट होल्डर्स को फायदा होगा। अब तक डिजिटल या ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं सिर्फ रेगुलर बैंक सेविंग्स अकाउंट्स पर मिलती थीं। इसका मतलब है कि अब बैंकों के बेसिक सेविंग्स अकाउंट्स होल्डर्स भी मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर सकेंगे।

आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा

RBI गवर्नर Sanjay Malhotra ने 1 अक्टूबर को मॉनेटरी पॉलिसी के ऐलान के दौरान कहा कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBD) पर डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध होने से लोगों को काफी सुविधा होगी। वे घर बैठे बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसे देश में फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी आबादी के बड़े हिस्से को बैंकिंग सुविधाओं के दायरे में लाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अभी बीएसबीडी पर डिपॉजिट और विड्रॉल फैसिलिटीज मिलती हैं। इन अकाउंट्स में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट चैनल्स के जरिए पैसे जमा किए जा सकते है। बैंक अकाउंट होल्डर्स को फ्री एटीएम कार्ड भी इश्यू करते हैं। अभी इस अकाउंट डिजिटल बैंकिंग फैसिलिटीज उपलब्ध नहीं थीं।

करोड़ों अकाउंट होल्डर्स को होगा फायदा

आरबीआई ने आबादी के बड़े हिस्से को बैंकिंग सर्विसेज के दायरे में लाने के लिए बैंकों को बीएसबीडी अकाउंट ओपन करने की इजाजत दी थी। इस अकाउंट पर बेसिक बैंकिंग सुविधाएं मिलती हैं। ग्राहक को ये सुविधाएं फ्री मिलती हैं। खास बात यह कि उन्हें किसी तरह का मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करना पड़ता है। आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ने मॉनेटरी पॉलिसी पेश करने के दौरान कहा कि देश में बैंकिंग सेक्टर में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रख बीएसबीडी अकाउंट पर भी डिजिटल सेवाएं देना जरूरी हो गया है।

केंद्रीय बैंक ने इंटरेस्ट रेट नहीं घटाया

केंद्रीय बैंक ने 1 अक्टूबर अपनी मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया। इस बार भी उसने रेपो रेट में कमी नहीं की। अगस्त में भी उसने रेपो रेट में कमी नहीं की थी। हालांकि, इस साल आरबीआई रेपो रेट में 100 बेसिस प्वाइंट्स यानी 1 फीसदी की कमा कर चुका है। इस साल फरवरी में उसने रेपो रेट में कमी का सिलसिला शुरू किया था। फिर, अप्रैल और जून में में भी उसने रेपो रेट घटाया था। इससे रेपो रेट घटकर 5.5 फीसदी पर आ गया है। इस साल जनवरी में यह 6.5 फीसदी था। रेपो रेट में 1 फीसदी कमी से होम लोन और ऑटो लोन सस्ते हुए हैं। अनुमान है कि आरबीआई दिसंबर की अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर सकता है।

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