Last Updated on October 1, 2025 17:09, PM by Pawan
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट फ्लो को बेहतर बनाने के लिए कुछ बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इसके तहत अब शेयरों के बदले कर्ज लेने की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही आईपीओ में निवेश के लिए मिलने वाले कर्ज की सीमा भी 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये तक कर दी गई है। ये बदलाव अर्थव्यवस्था में क्रेडिट की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए किए गए हैं।
कर्ज का दायरा
एक और बड़े बदलाव के तहत आरबीआई ने बैंकों के लिए कर्ज देने का दायरा भी बढ़ा दिया है। अब बैंक घरेलू कंपनियों के विलय और अधिग्रहण के लिए भी पैसा दे सकेंगे। इसे बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है। इस कदम से डील फाइनेंसिंग अब औपचारिक बैंकिंग सिस्टम में वापस आ सकती है। जानकारों का कहना है कि इससे बैंकों को नए अवसर मिलेंगे और देश की वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी।
केंद्रीय बैंक ने साथ ही भारतीय रुपये के वैश्विक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ कदम सुझाए हैं। इनमें स्थानीय बैंकों को पड़ोसी देशों के व्यवसायों को रुपये में कर्ज देने की अनुमति देना शामिल है। साथ ही, प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की मुद्राओं के लिए आधिकारिक संदर्भ विनिमय दरें तय करना भी इसमें शामिल है। ये उपाय रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक स्वीकार्य बनाने में मदद करेंगे। रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण का जिक्र करते हुए मल्होत्रा ने कहा, “हम इस संबंध में लगातार प्रगति कर रहे हैं।”
