Last Updated on September 29, 2025 21:40, PM by Pawan
RailTel Corporation of India Ltd. को विशाखापट्टनम पोर्ट अथॉरिटी से एक बड़ा स्मार्ट वीडियो सर्विलांस प्रोजेक्ट मिला है. इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत लगभग 37.54 करोड़ रुपये है. इस सिस्टम के जरिए पोर्ट में सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ दैनिक संचालन को आसान और तेज़ बनाया जाएगा. प्रोजेक्ट में उन्नत वीडियो एनालिटिक्स और IoT सेंसर लगाए जाएंगे, जिससे अधिकारी हर समय पोर्ट की निगरानी कर सकेंगे. इसके साथ ही एक इंटेलिजेंट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) भी तैयार होगा.
प्रोजेक्ट की पृष्ठभूमि और महत्व
रेलटेल ने 29 सितंबर 2025 को एनएसई और बीएसई में इस ऑर्डर की घोषणा की. यह घोषणा SEBI नियमों के अनुसार की गई थी, ताकि निवेशकों और शेयरधारकों को समय पर पूरी जानकारी मिल सके. यह प्रोजेक्ट न केवल रेलटेल के वित्तीय पोर्टफोलियो को मजबूत करेगा, बल्कि भारत के डिजिटल इंडिया और स्मार्ट पोर्ट्स मिशन को भी बढ़ावा देगा.
प्रोजेक्ट का दायरा और उद्देश्य
इस प्रोजेक्ट के तहत विजाग पोर्ट में स्मार्ट वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगाया जाएगा. इस सिस्टम में लाइव कैमरा फीड को उन्नत तकनीक और IoT के साथ जोड़कर वास्तविक समय में निगरानी की जाएगी. इसका मकसद पोर्ट में सुरक्षा बढ़ाना, संचालन को सुचारू बनाना और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देना है.
प्रोजेक्ट में पांच साल का ऑपरेशन और मेंटेनेंस (O&M) शामिल है. इसका मतलब है कि रेलटेल सिस्टम को नियमित अपडेट देगा और किसी भी समस्या को जल्दी सुलझाएगा. पूरे सिस्टम को 24 सितंबर 2026 तक लागू करने और पूरी तरह चलाने का लक्ष्य है.
वित्तीय जानकारी और महत्व
यह प्रोजेक्ट कुल 37.53 करोड़ रुपये का है, जो इसकी तकनीकी क्षमता और बड़े पैमाने पर काम करने की योग्यता को दर्शाता है. इस समझौते में सभी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई हैं और इसमें कोई हित का टकराव नहीं है. यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से भारतीय तकनीकी विशेषज्ञता पर आधारित है, जो देश के सार्वजनिक क्षेत्र की ताकत को दिखाता है.
डिजिटल इंडिया और स्मार्ट पोर्ट पहल
रेलटेल के इस सिस्टम से पोर्ट में सुरक्षा बढ़ेगी, संचालन में तेजी आएगी और कर्मचारियों व माल की सुरक्षा मजबूत होगी. वीडियो फीड और IoT सेंसर के जरिए मिलने वाला डेटा अधिकारियों को फौरन निर्णय लेने, सुरक्षा खतरों को रोकने और आपात स्थिति में जल्दी प्रतिक्रिया देने में मदद करेगा.
विशाखापट्टनम पोर्ट जैसे बड़े पोर्ट पर स्मार्ट सर्विलांस लागू करने से अन्य लॉजिस्टिक और औद्योगिक हब्स में भी इस तकनीक को अपनाने की संभावना बढ़ेगी. इससे पूरे देश में स्मार्ट और डेटा-ड्रिवन सार्वजनिक प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा.
रेलटेल के भविष्य के अवसर
इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को हासिल करने से रेलटेल की प्रतिष्ठा बढ़ी है और यह साबित करता है कि कंपनी बड़े और जटिल सरकारी प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक संभाल सकती है. इस प्रोजेक्ट की सफलता रेलवे, एयरपोर्ट और शहरों की निगरानी प्रणाली में नई संभावनाओं के दरवाजे खोल सकती है.
रेलटेल लगातार सरकारी प्रोजेक्ट्स में भाग लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ा रहा है और भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
आधिकारिक बयान
कंपनी ने इस ऑर्डर की घोषणा डिजिटल साइन के साथ की है और सभी SEBI नियमों का पालन किया गया है. रेलटेल का मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है, जो भारत के स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में इसकी केंद्रीय भूमिका को दिखाता है.
खबर से जुड़े FAQs
1. RailTel का विजाग पोर्ट प्रोजेक्ट क्या है?
यह प्रोजेक्ट पोर्ट में स्मार्ट वीडियो सर्विलांस और IoT आधारित निगरानी सिस्टम स्थापित करेगा.
2. प्रोजेक्ट की लागत कितनी है?
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 37.54 करोड़ रुपये है.
3. प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा?
पूरा प्रोजेक्ट 24 सितंबर 2026 तक लागू और संचालन योग्य होगा.
4. ICCC का क्या रोल है?
इंटेलिजेंट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) पोर्ट में सभी डेटा और कैमरा फीड को रियल-टाइम में मॉनिटर करेगा.
5. यह प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया पहल में कैसे मदद करेगा?
स्मार्ट तकनीक और डेटा-ड्रिवन निगरानी से सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक और सुरक्षित बनाने में योगदान मिलेगा.
