Last Updated on September 28, 2025 8:58, AM by Khushi Verma
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार पर जबरदस्त दबाव देखने को मिला. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने लगातार छह दिन तक गिरावट दर्ज की. शुक्रवार (26 सितंबर) को सेंसेक्स 733 अंक टूटकर 80,426.46 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 236 अंक फिसलकर 24,654.70 पर आ गया. हफ्ते भर में सेंसेक्स 2.66% और निफ्टी 2.65% गिरा.
पिछले हफ्ते क्यों गिरा स्टॉक मार्केट
बाजार की गिरावट के पीछे कई कारण रहे, अमेरिका में H-1B वीज़ा फीस में बढ़ोतरी, फिर दवाइयों पर 100% टैरिफ लगाने का फैसला और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली. इन सबने मिलकर बाजार की धारणा को बिगाड़ा. अब माना जा रहा है कि आने वाला हफ्ता भी आसान नहीं होगा क्योंकि ये पांच बड़े फैक्टर्स मार्केट पर असर डाल सकते हैं.
RBI की MPC बैठक
29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक होगी. इस बार गवर्नर संजय मल्होत्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेपो रेट और अन्य नीतिगत फैसलों का ऐलान करेंगे. अगर इस मीटिंग के दौरान RBI 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करता है तो MSMEs और NBFC सेक्टर को राहत मिलेगी. SBI रिसर्च का अनुमान है कि अक्टूबर में CPI महंगाई दर 1.1% तक गिर सकती है. वहीं, GST नियमों में हालिया बदलाव से टैक्स बोझ कम हुआ है. अगर RBI दरों में कटौती करता है तो बैंकिंग और रियल एस्टेट शेयरों में तेजी देखी जा सकती है.
FIIs की बिकवाली
विदेशी निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. शुक्रवार को ही FIIs ने ₹5,688 करोड़ के शेयर बेचे. यह लगातार पांचवां दिन था जब उन्होंने बिकवाली की. FII की बिकवाली से मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव दिखा. पिछले हफ्ते निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स करीब 5% टूट गए. अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो बाजार की गिरावट और गहरी हो सकती है.
India-US ट्रेड डील
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर इस हफ्ते अहम बातचीत हुई. कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका का दौरा किया और USTR अधिकारियों से मुलाकात की. दोनों देशों ने “कंस्ट्रक्टिव डिस्कशन” की बात कही और जल्द ही फाइनल डील का भरोसा दिया. अगर यह समझौता आगे बढ़ता है तो आईटी, फार्मा और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत होंगे. लेकिन जब तक अंतिम फैसला नहीं आता, बाजार में अनिश्चितता बनी रहेगी.
गोल्ड प्राइस
सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. पिछले हफ्ते गोल्ड ने $3,790 प्रति औंस का रिकॉर्ड बनाया और हफ्ते के अंत में 2.5% की बढ़त दर्ज की. भारत में सोना ₹1,14,000 के आसपास ट्रेड कर रहा है. गोल्ड का ट्रेंड अभी पॉजिटिव है. ₹1,12,500 पर सपोर्ट और ₹1,15,000 पर रेजिस्टेंस माना जा रहा है. अगर वैश्विक अनिश्चितता बनी रहती है तो सोने में और तेजी संभव है.
भारतीय रुपया
रुपया पिछले हफ्ते रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंच गया था, लेकिन शुक्रवार को यह थोड़ा संभलकर 88.72 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और डॉलर के कमजोर होने से रुपये को सपोर्ट मिला.
हालांकि, रुपये पर दबाव अभी खत्म नहीं हुआ है. 88.45 से 89.25 का ट्रेडिंग रेंज अनुमानित है. अगर डॉलर मजबूत होता है या FII बिकवाली तेज होती है तो रुपया फिर से कमजोर हो सकता है.
निवेशकों के काम की बात
यह हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद अहम रहने वाला है. RBI की नीति, अमेरिका के साथ ट्रेड डील, विदेशी निवेशकों की चाल, रुपये और सोने की दिशा, ये पांचों फैक्टर्स सेंसेक्स-निफ्टी को ऊपर या नीचे ले जा सकते हैं. निवेशकों को इस हफ्ते ज्यादा सतर्क रहना होगा. लॉन्ग-टर्म निवेशक अच्छे शेयरों में गिरावट का फायदा उठा सकते हैं, लेकिन शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान देना होगा.
खबर से जुड़े FAQs
Q1. पिछले हफ्ते शेयर बाजार कितना गिरा?
Ans: सेंसेक्स 2.66% और निफ्टी 2.65% गिरा.
Q2. RBI की MPC बैठक कब होगी?
Ans: 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक.
Q3. FIIs ने कितनी बिकवाली की?
Ans: शुक्रवार को ₹5,688 करोड़ की बिकवाली की.
Q4. रुपया कहां बंद हुआ?
Ans: शुक्रवार को 88.72 प्रति डॉलर पर.
Q5. गोल्ड का ट्रेंड कैसा है?
Ans: पॉजिटिव, ₹1,12,500 सपोर्ट और ₹1,15,000 रेजिस्टेंस है.
