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FPI ने किया बड़ा कैश आउट! ₹16,422 करोड़ निकाले, क्या बाजार में आएगा सुधार? | Zee Business

FPI ने किया बड़ा कैश आउट! ₹16,422 करोड़ निकाले, क्या बाजार में आएगा सुधार? | Zee Business

Last Updated on September 28, 2025 20:51, PM by Pawan

FPI: पिछले हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से बड़ी निकासी की है. आंकड़ों के मुताबिक, बीते हफ्ते एफपीआई ने ₹16,422 करोड़ की इक्विटी बिकवाली की. इसके चलते शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली है. इसकी वजह हाई वैल्यूएशन, अमेरिका की ओर से H-1B वीजा पर नीतिगत परिवर्तन करना है.

शेयर बाजार में गिरावट की मुख्य वजहें

हाई वैल्यूएशन- भारतीय शेयर बाजार इस समय दुनिया के कई अन्य बाजारों की तुलना में ज्यादा महंगा नजर आ रहा है, जिससे एफपीआई निवेशकों को मुनाफा कमाने का मौका दिखा और उन्होंने बिकवाली शुरू कर दी.

ट्रंप के फैसले-  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बीते हफ्ते दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई थीं, जिसमें नए H-1B वीजा आवेदनों के लिए 1,00,000 डॉलर की फीस और ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ शामिल है.

रुपए हुआ कमजोर- इस एफपीआई आउटफ्लो ने डॉलर के मुकाबले रुपए में 3.5% की गिरावट में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

7 महीनों में सबसे तेज गिरावट

विदेशी निवेशकों की निरंतर निकासी के कारण बेंचमार्क सूचकांकों में सात महीनों में सबसे तेज वीकली गिरावट देखी गई. एनालिस्ट ने बताया कि इसकी वजह एफपीआई की बिकवाली के साथ, वैश्विक अनिश्चितता और कुछ सेक्टर का खराब प्रदर्शन था.

FPI निकासी के आंकड़े क्या कहते हैं?

    • जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले एक साल में भारत से 21 अरब डॉलर (1.75 लाख करोड़ रुपए) निकाले हैं, जो इस अवधि में उभरते बाजारों में सबसे बड़ी निकासी है.

 

    • अन्य बाजारों की तुलना में भारत में उच्च मूल्यांकन और धीमी आय ग्रोथ एफपीआई की निकासी के प्रमुख कारण हैं.

 

    • 2025 के पहले तीन महीनों में एफपीआई विक्रेता थे और अगले तीन महीनों में वे खरीदार बन गए. जुलाई, अगस्त और सितंबर में अब तक वे फिर से विक्रेता बन गए हैं.

 

बाजार में जल्द सुधार की उम्मीद क्यों?

एनालिस्ट ने कहा कि रिकॉर्ड ऑटोमोबाइल बुकिंग, कम GST दरें और सस्ता ऑटोमोटिव लोन बाजार में सुधार को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे आय में बेहतर बढ़ोतरी होगी और रुपए में और गिरावट की संभावना नहीं है.

विजयकुमार ने कहा,यह मान लेना सही होगा कि हम एफपीआई निकासी के निम्नतम स्तर के करीब हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत में इनकम ग्रोथ वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही से बढ़ने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2027 में गति पकड़ेगी.

Q1. एफपीआई ने पिछले हफ्ते कितने पैसे निकाले?

पिछले हफ्ते एफपीआई ने ₹16,422 करोड़ रुपए भारतीय इक्विटी मार्केट से निकाले हैं.

Q2. एफपीआई निकासी की मुख्य वजह क्या रही?

भारतीय बाजार का ऊंचा वैल्यूएशन, अमेरिका की नई एच-1बी वीजा पॉलिसी और टैरिफ और डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट.

Q3. क्या इससे शेयर बाजार पर असर पड़ा है?

हां, एफपीआई की बिकवाली से बाजार में 7 महीनों की सबसे तेज गिरावट देखी गई.

Q4. क्या यह बिकवाली आगे भी जारी रहेगी?

विश्लेषकों का मानना है कि हम अब एफपीआई बिकवाली के निचले स्तर के करीब हैं. जल्द ही बाजार में स्थिरता और सुधार आ सकता है.

Q5. आगे बाजार कब तक सुधर सकता है?

वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही से कंपनियों की आय में सुधार की उम्मीद है, जिससे बाजार FY27 तक रफ्तार पकड़ सकता है.

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