Last Updated on September 28, 2025 20:56, PM by Pawan
NSE Nifty 50 में साल की शुरुआत से अब तक केवल लगभग 4% का रिटर्न आया है. इस धीमी रफ्तार और बाजार की अस्थिरता ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है. इसके साथ ही आर्थिक अनिश्चितता और वैश्विक मार्केट में उतार-चढ़ाव ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे समय में कई निवेशक ऐसे विकल्पों की तलाश में हैं, जो स्थिरता और विविधता (diversification) प्रदान कर सकें.
गोल्ड और सिल्वर जैसे विकल्प
इस बाजार अनिश्चितता के बीच, निवेशकों की नजरें अब सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं पर बढ़ रही हैं. 2025 में निफ्टी 50 के मुकाबले सोने ने लगभग 50% रिटर्न दिया है. इसी तरह चांदी ने भी निवेशकों को आकर्षित करने वाले मजबूत रिटर्न दिए हैं. सोने और चांदी में मुख्य अंतर यह है कि चांदी अभी भी काफी किफायती है और इसके औद्योगिक उपयोग भी अधिक हैं. यही वजह है कि निवेशक चांदी की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं.
चांदी में निवेश के विकल्प
चांदी में निवेश करने के कई तरीके हैं. सबसे पुराने विकल्पों में भौतिक चांदी यानी बार और सिक्के या ज्वैलरी खरीदना शामिल है. हालांकि, डिजिटल और आसान विकल्प भी उपलब्ध हैं. आज निवेशक चांदी को Exchange Traded Funds (ETFs) के माध्यम से भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं. यह तरीका कुछ हद तक म्यूचुअल फंड SIP की तरह काम करता है. आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं और धीरे-धीरे चांदी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हैं.
Silver ETFs कैसे काम करते हैं
Silver ETF में निवेश करने पर निवेशक सीधे चांदी के मालिक नहीं बनते, बल्कि ETF के जरिए चांदी के मूल्य का हिस्सा प्राप्त करते हैं. इसका मतलब यह है कि आपके पास स्टॉक्स नहीं हैं, बल्कि चांदी में आपके हिस्से का मूल्य आपके पास आता है.
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह निवेशकों को फिजिकल चांदी खरीदने की परेशानियों से बचाता है और लागत को समय के साथ औसत करता है. यह उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो लंबी अवधि में चांदी में एक्सपोजर चाहते हैं लेकिन बार, सिक्के या ज्वैलरी नहीं खरीदना चाहते.
ETFs का लिक्विडिटी और पारदर्शिता लाभ
Silver ETFs स्टॉक मार्केट पर ट्रेड होते हैं, इसलिए इन्हें खरीदना और बेचना आसान होता है. इन्हें शेयर की तरह ही खरीदा और बेचा जा सकता है. इसके अलावा, इनकी पारदर्शिता भी अधिक होती है और मूल्य का ट्रैक रखना आसान होता है.
ETFs का टैक्सेशन सिस्टम भी सरल है और इसे समझना अपेक्षाकृत आसान है. निवेशक जान सकते हैं कि उनके रिटर्न पर कितनी टैक्स लगेगी और कब लगेगी.
Silver ETF पर टैक्स नियम
संघीय बजट 2024 में ETF पर नए टैक्स नियम लागू किए गए हैं. अब ETF के टैक्स का निर्धारण उसकी खरीद और रिडेम्प्शन की तारीख के आधार पर होगा. HDFC म्यूचुअल फंड के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से नए टैक्स नियम लागू होंगे.
अगर Silver ETF 12 महीने या उससे अधिक समय तक होल्ड किया गया है, तो इसे Long-Term Capital Gains (LTCG) के रूप में माना जाएगा. 12 महीने से कम समय में होल्ड की गई ETFs पर Short-Term Capital Gains (STCG) टैक्स लगेगा.
12 महीने से कम समय में अगर ETF बेचा गया, तो उस पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा. वहीं 12 महीने या उससे अधिक समय तक होल्ड करने पर फ्लैट 12.5% LTCG टैक्स लागू होगा.
ETF Fund of Funds की बात करें तो, लंबी अवधि में LTCG के लिए 24 महीने की होल्डिंग पीरियड की आवश्यकता होती है, लेकिन इसका टैक्स सिस्टम Silver ETF की तरह ही लागू होता है.
क्यों Silver ETF में निवेश करना समझदारी है
कम जोखिम और स्थिरता: चांदी की कीमतें शेयर मार्केट की तुलना में अपेक्षाकृत स्थिर रहती हैं.
लिक्विडिटी: ETFs को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है.
डिजिटल और आसान: भौतिक चांदी खरीदने की बजाय ETF में निवेश करना सरल है.
लंबी अवधि का फायदा: समय के साथ मूल्य औसत होता है और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है.
टैक्स की स्पष्टता: नए टैक्स नियम निवेशकों के लिए स्पष्ट दिशा देते हैं कि कब और कितना टैक्स लगेगा.
निवेशकों के लिए सुझाव
शेयर मार्केट की उतार-चढ़ाव से परेशान निवेशकों के लिए Silver ETF एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. यह न सिर्फ पोर्टफोलियो में स्थिरता लाता है बल्कि निवेश को विविध बनाता है. निवेशकों को चाहिए कि वे अपनी वित्तीय स्थिति, निवेश अवधि और जोखिम क्षमता के अनुसार ETF में निवेश करें.
लॉन्ग टर्म में चांदी में निवेश से पोर्टफोलियो की सुरक्षा बढ़ती है और इमरजेंसी के समय इसे आसानी से कैश में बदला जा सकता है. छोटे-छोटे मासिक निवेश (SIP) से निवेशक आसानी से Silver ETF में हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं.
इस तरह, Silver ETFs निवेशकों को कम जोखिम के साथ स्थिर और संतुलित पोर्टफोलियो बनाने का अवसर देते हैं. जब शेयर मार्केट में अनिश्चितता अधिक हो, तब यह विकल्प सुरक्षा और लाभ दोनों प्रदान करता है.
खबर से जुड़े FAQs
Silver ETF क्या है?
Silver ETF चांदी में डिजिटल निवेश का माध्यम है जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है.
Silver ETF में निवेश कैसे करें?
आप इसे स्टॉक ब्रोकरेज के माध्यम से खरीद सकते हैं या SIP के रूप में मासिक निवेश कर सकते हैं.
Silver ETF पर टैक्स कैसे लगता है?
12 महीने से कम होल्ड पर STCG टैक्स और 12 महीने से अधिक होल्ड पर LTCG टैक्स 12.5% लगेगा.
Silver ETF और physical silver में क्या अंतर है?
Physical silver खरीदने पर आपको भौतिक धातु मिलती है, जबकि ETF में आप चांदी का मूल्य शेयर के रूप में रखते हैं.
क्या Silver ETF सुरक्षित निवेश है?
हां, यह शेयर मार्केट की तुलना में स्थिर निवेश है और लॉन्ग टर्म में पोर्टफोलियो सुरक्षा देता है.
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