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टॉप-10 कंपनियों की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ गिरी: TCS सबसे बड़ी लूजर; हफ्तेभर में बाजार 2200 अंक गिरा, वजह- H-1B वीजा पॉलिसी और दवाओं पर 100% टैरिफ

टॉप-10 कंपनियों की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ गिरी:  TCS सबसे बड़ी लूजर; हफ्तेभर में बाजार 2200 अंक गिरा, वजह- H-1B वीजा पॉलिसी और दवाओं पर 100% टैरिफ

Last Updated on September 28, 2025 8:59, AM by Khushi Verma

 

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  • Top 10 Indian Companies Lose ₹3 Lakh Crore In Market Value: TCS Biggest Loser Amid H 1B Visa Hike And 100% Drug Tariff

मुंबई1 घंटे पहले

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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में 2,99,662 करोड़ रुपए कम हो गई है। इस दौरान IT सर्विस देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की वैल्यू ₹97,598 करोड़ गिरी है।

 

अब कंपनी का मार्केट कैप ₹10.49 लाख करोड़ रह गया है। वहीं, देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप इस दौरान ₹40,462 करोड़ गिरकर ₹18.64 लाख करोड़ पर आ गया है।

इस हफ्ते शेयर बाजार भी 2200 अंक गिरा है। इस गिरावट के पीछे की वजह अमेरिका के H 1B वीजा के पॉलिसी में बदलाव और ब्रांडेड दवाओं पर राष्ट्रपति ट्रम्प की 100% टैरिफ है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?

मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है।

इसे एक उदाहरण से समझें…

मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी।

कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं…

बढ़ने का क्या मतलब घटने का क्या मतलब
शेयर की कीमत में बढ़ोतरी शेयर प्राइस में गिरावट
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन खराब नतीजे
पॉजिटीव न्यूज या इवेंट नेगेटिव न्यूज या इवेंट
पॉजिटीव मार्केट सेंटिमेंट इकोनॉमी या मार्केट में गिरावट
हाई प्राइस पर शेयर जारी करना शेयर बायबैक या डीलिस्टिंग

मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है।

निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं।

उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है।

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1. ट्रम्प ने अब ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाया: 1 अक्टूबर से लागू होगा; अमेरिका को 30% दवाएं एक्सपोर्ट करता है भारत

अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाई पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ये टैरिफ 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। यह टैक्स उन कंपनियों पर नहीं लगेगा जो अमेरिका में ही दवा बनाने के लिए अपना प्लांट लगा रही हैं।

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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