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VIP इंडस्ट्रीज़ में बड़ी ब्लॉक डील, प्रमोटर्स ने 343 करोड़ रुपये में बेचा हिस्सा

VIP इंडस्ट्रीज़ में बड़ी ब्लॉक डील, प्रमोटर्स ने 343 करोड़ रुपये में बेचा हिस्सा

Last Updated on September 27, 2025 20:40, PM by Pawan

भारत की लगेज और ट्रैवल एक्सेसरीज़ बनाने वाली मशहूर कंपनी वीआईपी इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (VIP Industries Ltd.) में शुक्रवार को एक बड़ा बदलाव हुआ. कंपनी के प्रमोटर्स ने ओपन मार्केट ट्रांजैक्शन के जरिए 6.22% हिस्सेदारी बेच दी, जिसकी कुल कीमत करीब 343 करोड़ रुपये रही. इस डील के बाद कंपनी के शेयरों में दबाव देखा गया और वे करीब 4% गिर गए.

कौन से प्रमोटर्स ने बेचे शेयर?

इस बड़े सौदे में Kiddy Plast Ltd और Piramal Vibhuti Investments ने मिलकर करीब 88.40 लाख इक्विटी शेयर बेचे. ये शेयर वीआईपी इंडस्ट्रीज़ की कुल हिस्सेदारी का 6.22% हिस्सा है. BSE पर उपलब्ध बल्क डील डेटा के अनुसार, ये शेयर 388 रुपये से 388.25 रुपये प्रति शेयर के दाम पर बेचे गए. इस तरह पूरी डील का कुल मूल्य 343.19 करोड़ रुपये बैठा.

प्रमोटर्स की हिस्सेदारी अब कितनी रह गई?

इस लेन-देन के बाद वीआईपी इंडस्ट्रीज़ के प्रमोटर्स और उनकी ग्रुप कंपनियों की कुल हिस्सेदारी 51.73% से घटकर 45.51% पर आ गई है. यानी अब प्रमोटर्स का कंट्रोल थोड़ा कमजोर हुआ है और कंपनी में उनकी हिस्सेदारी पहले से कम हो गई है.

किसने खरीदे शेयर?

बाजार में जब प्रमोटर्स ने इतनी बड़ी हिस्सेदारी बेची, तो निवेशकों की निगाह इस बात पर रही कि आखिर इतने शेयर खरीदे किसने. Multiples Equity, जो एक बड़ी अल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, ने अपने एफिलिएट्स के जरिए 60.11 लाख शेयर खरीदे. यह कंपनी में 4.23% हिस्सेदारी के बराबर है.

इसके अलावा, Samvibhag Securities Pvt Ltd ने 22.12 लाख शेयर खरीदे, यानी कंपनी का 1.55% हिस्सा. कुल मिलाकर इन दोनों ने करीब 82.23 लाख शेयर खरीदे, जो वीआईपी इंडस्ट्रीज़ की कुल हिस्सेदारी का 5.8% हिस्सा बनता है. इस डील की कुल कीमत करीब 319.07 करोड़ रुपये रही और औसतन 388 रुपये प्रति शेयर के दाम पर यह सौदा हुआ.

बाकी खरीदारों की जानकारी नहीं

हालांकि, एक्सचेंज पर बाकी खरीदारों का विवरण साफ नहीं हो पाया है. यानी अन्य छोटे निवेशक या संस्थागत निवेशक भी इस डील में शामिल रहे होंगे, लेकिन उनका डेटा उपलब्ध नहीं हो सका.

शेयर की कीमत में गिरावट

इस बड़े सौदे का असर कंपनी के शेयर पर साफ नजर आया. शुक्रवार को बीएसई पर वीआईपी इंडस्ट्रीज़ का शेयर 4.01% गिरकर 409 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. शेयर बाजार में अक्सर देखा जाता है कि जब प्रमोटर्स अपने शेयर बेचते हैं, तो निवेशकों में कंपनी को लेकर चिंता बढ़ जाती है और शेयर की कीमत पर दबाव आता है.

पहले से बनी थी डील की प्लानिंग

दरअसल, यह डील अचानक नहीं हुई है. इससे पहले, पिछले महीने ही Competition Commission of India (CCI) ने मल्टीपल्स इक्विटी के नेतृत्व वाले ग्रुप को वीआईपी इंडस्ट्रीज़ में हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी थी.

इस साल जुलाई में कंपनी के प्रमोटर दिलीप पिरामल और उनका परिवार ने घोषणा की थी कि वे कंपनी में अपनी 32% हिस्सेदारी बेचेंगे. इस हिस्सेदारी को एक कंसोर्टियम (गठजोड़) खरीदेगा, जिसमें शामिल हैं:

Multiples Private Equity Fund IV (MPEF)

Multiples Private Equity Gift Fund IV (MPGF)

Samvibhag Securities

Caratlane के संस्थापक मिथुन पदम सचती और उनके भाई सिद्धार्थ सचती

वीआईपी इंडस्ट्रीज़ क्यों खास है?

वीआईपी इंडस्ट्रीज़ भारत की सबसे पुरानी और भरोसेमंद लगेज कंपनी मानी जाती है. कंपनी का कारोबार सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी फैला हुआ है.

यह लगेज, ट्रॉली बैग, ट्रैवल एक्सेसरीज़ और बैकपैक जैसे प्रोडक्ट बनाती है. कंपनी के ब्रांड्स में VIP, Skybags, Aristocrat, Alfa, Carlton और Caprese जैसे नाम शामिल हैं. भारतीय मिडिल क्लास और ट्रैवलिंग के बढ़ते ट्रेंड ने कंपनी को हमेशा मजबूती दी है.

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है ये सौदा?

प्रमोटर्स के हिस्सेदारी बेचने का मतलब अक्सर यह निकाला जाता है कि कंपनी के मालिक अपने नियंत्रण को कम कर रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ, Multiples Equity और अन्य बड़े इन्वेस्टर्स का कंपनी में भरोसा दिखाना यह बताता है कि लॉन्ग टर्म में वीआईपी इंडस्ट्रीज़ की ग्रोथ को लेकर उम्मीदें बनी हुई हैं. शॉर्ट टर्म में शेयर की कीमत पर दबाव रह सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक मौका हो सकता है.

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