Last Updated on September 27, 2025 8:31, AM by Khushi Verma
Top Semiconductor Stocks in India: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में ग्लोबल बाजार से ऐसी कई चुनौतियां पैदा होती दिख रही हैं, जिसके चलते भी सरकार आत्मनिर्भर भारत मिशन पर जोरो-शोरों से काम करने को लेकर प्रेरित हुई है. और समय ऐसा है या जरूरत ऐसी है कि भारतीय कंपनियां भी ग्लोबल बाजार में टक्कर देने को तैयार हो रही है, चाहें डिफेंस हो, डेटा सेंटर हो या फिर सेमीकंडक्टर, इन सभी क्षेत्रों में सरकार की ओर से प्रोत्साहन भी मिल रहा है, और भारतीय कंपनियां इनोवेटिव फैसले ले रही हैं.
ऐसे में भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से आकार ले रहा है. लंबे समय तक यह इंडस्ट्री पूरी तरह इंपोर्ट पर निर्भर रही, लेकिन अब सरकारी नीतियों और प्रोत्साहनों ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की नींव रखनी शुरू कर दी है. दुनियाभर में चिप्स की मांग बढ़ रही है और भारत भी इस रेस में पीछे नहीं रहना चाहता. आने वाले सालों में डेटा सेंटर और सेमीकंडक्टर, इन दो इंडस्ट्रीज़ में जोरदार ग्रोथ दिखने के संकेत मिलने लगे हैं. ऐसे में अगर आप भारतीय शेयर बाजार के निवेशक हैं, तो ये इंडस्ट्रीज आपके रडार और पोर्टफोलियो दोनों में होनी चाहिए. आज हम भारत की 10 ऐसी सेमीकंडक्टर कंपनियों के बारे में जानेंगे जो इस दिशा में काम कर रही हैं और आगे बड़ा ग्रोथ दिखा सकती हैं.
कितना ग्रो कर सकती है भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री?
2019 में भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट करीब 23 अरब डॉलर का था. अनुमान है कि यह 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, यानी लगभग 16% की CAGR ग्रोथ देखने को मिल सकती है. सेमीकंडक्टर में दो प्रमुख बिजनेस मॉडल काम करते हैं-
IDM (Integrated Device Manufacturer)- ये डिज़ाइन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक पूरा प्रोसेस खुद करते हैं.
Fabless Companies- ये सिर्फ डिज़ाइन पर ध्यान देते हैं और मैन्युफैक्चरिंग आउटसोर्स कर देते हैं.
भारत में फिलहाल Fabless और OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly & Test) मॉडल पर ज़्यादा फोकस है, क्योंकि फैब सेटअप करना बेहद महंगा और R&D-इंटेंसिव काम है.
भारत की वो 10 कंपनियां, जो सेमीकंडक्टर क्षेत्र में काम कर रही हैं?
अब आइए देखते हैं कि इस सेक्टर में कौन–कौन सी भारतीय कंपनियां एक्टिव हैं और निवेशकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं.
1. CG Power
CG Power भारत की सबसे बड़ी दांव लगाने वाली कंपनियों में है. यह OSAT + डिज़ाइन बिजनेस पर काम कर रही है. कंपनी ने Renesas (Japan) और Star Microelectronics (Thailand) के साथ JV किया है, ये ऑटोमोबाइल, इंडस्ट्रियल, 5G, सैटेलाइट कम्युनिकेशन और IoT के लिए अहम है. कंपनी का अगले 5 सालों में ₹7,600 करोड़ का प्लान है. इसका सानंद, गुजरात में प्लांट है. यह कंपनी भारत की पहली ऐसी बड़ी यूनिट होगी जो पैकेजिंग से लेकर टेस्टिंग तक पूरे इकोसिस्टम का हिस्सा बनेगी.
2. SPEL Semiconductor
SPEL भारत की सबसे पुरानी IC Assembly और Test कंपनी है. इसकी पेरेंट कंपनी Natronix Semiconductor Tech (Singapore) है. Phase 1 के लिए ₹100 करोड़ का निवेश किया गया, और कुल कैपेक्स ₹600 करोड़ प्लान है. चेन्नई बेस्ड यह कंपनी अभी लॉस मेकिंग है और रीस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस में है. बिक्री अनुमान ₹150 करोड़ (EBITDA 32%, PAT 19%) का है. इसमें लंबी अवधि में टर्नअराउंड की संभावना, लेकिन रिस्क भी अधिक है.
3. Kaynes Technology
Kaynes पहले से ही EMS (Electronics Manufacturing Services) और PCB Assembly में लीडर है. अब यह OSAT बिजनेस में एंट्री कर रहा है. इनका सानंद, गुजरात में ₹3,300 करोड़ के कैपेक्स का प्लान है. Q4 FY26 तक कंपनी की 6 मिलियन यूनिट्स/दिन क्षमता होगी. इसके अलावा Kaynes स्मार्ट मीटर फैक्ट्री और HDI PC बोर्ड फैक्ट्री पर भी काम कर रहा है. यानी कंपनी के पास डायवर्सिफाइड मॉडल होगा, OSAT एंट्री एक मजबूत ग्रोथ प्ले है.
4. IZMO Systems
Izmo Microsystems, Izmo Ltd. की सब्सिडियरी है. इसका स्पेशलाइजेशन Automobile से जुड़े Sensor Solutions (जैसे टायर प्रेशर सेंसर में है). कंपनी System-in-Package (SiP) सॉल्यूशंस पर काम करती है. इसका ₹10 करोड़ का कैपेक्स है. एस्टीमेटेड सेल्स ₹30-40 करोड़ प्रति वर्ष है. ग्रॉस मार्जिन 30-40% का है. यह छोटी कंपनी है, लेकिन Niche मार्केट में ग्रोथ की संभावना अच्छी है.
5. Moschip Technologies
यह कंपनी पूरी तरह Fabless Model पर काम कर रही है. इसकी AI/ML, IoT, ऑटोमोटिव और स्मार्ट मीटर्स में स्पेशलिटी है. इनका अभी कोई बड़ा कैपेक्स प्लान नहीं, लेकिन डिज़ाइन सर्विसेस में गहरी पकड़ है. ये हाई रिस्क–हाई ग्रोथ स्टोरी है.
6. ASM Technologies
यह कंपनी डिज़ाइन-लेड मैन्युफैक्चरिंग पर काम करती है. HHV Engineering के साथ इनका जॉइंट वेंचर (50:50) है. यह कंपनी स्पेशलाइज्ड Niche में ग्रोथ कर रही है.
7. Bharat Electronics Ltd. (BEL)
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) सेमीकंडक्टर स्पेस में एक्टिव है, हालांकि, इसकी अपनी बड़ी फैब्रिकेशन प्लांट्स नहीं हैं. BEL का सेमीकंडक्टर कंपोनेंट्स बनाने का लंबा इतिहास रहा है. फिलहाल कंपनी रक्षा क्षेत्र की ज़रूरतों के लिए एडवांस चिप्स डिज़ाइन करने पर फोकस्ड है और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ साझेदारी के ज़रिए भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मज़बूत करने की दिशा में काम कर रही है. यह सहयोग फैब्रिकेशन, असेंबली और टेस्टिंग जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ाया जा रहा है. BEL का फायदा यह है कि सरकार का सीधा सपोर्ट है और यह डिफेंस–इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से भी जुड़ी है.
8. Dixon Technologies
Dixon इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और IT हार्डवेयर में लीडर है. सेमीकंडक्टर में इसकी डायरेक्ट एंट्री नहीं है, लेकिन JV के जरिए Display और Backward Integration की तैयारी है. फिलहाल मार्जिन लो हैं लेकिन IT हार्डवेयर से सुधार की उम्मीद है.
9. Tata Elxsi
यह कंपनी डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स में काम करती है. इसकी क्लाउड, AI, रोबोटिक्स, हार्डवेयर डिज़ाइन और डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए क्षमता है. सेमीकंडक्टर चिप डिज़ाइन और सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन में बड़ा अवसर है कंपनी के लिए. हालांकि, इसका भारत में सिर्फ 19% बिजनेस है और बाकी यूरोप और US पर निर्भरता ज्यादा है, जो वोलैटिलिटी ला सकती है.
10. Vedanta-Foxconn JV (CANCELLED)
₹19.5 अरब डॉलर का JV जुलाई 2023 में कैंसिल हो गया. यह भारतीय सेमीकंडक्टर कहानी का बड़ा झटका था. ऐसे में इस दिशा में कभी आगे कुछ और होता है या नहीं, ये देखना होगा.
निवेशकों के लिए क्या है मतलब?
भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर शुरुआती अवस्था में है, लेकिन इसकी ग्रोथ पोटेंशियल बहुत बड़ी है. निवेशक अगर लॉन्ग टर्म पोर्टफोलियो बना रहे हैं, तो CG Power और Kaynes Technology सबसे मजबूत दांव हो सकते हैं. BEL और Tata Elxsi भी मजबूत विकल्प हो सकते हैं. वहीं Moschip और IZMO छोटे लेकिन ग्रोथ-ओरिएंटेड प्ले हैं.
