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Tata Motors: टाटा मोटर्स ने किए मैनेजमेंट में बड़े बदलाव, शैलेश चंद्रा बने कंपनी के नए MD और CEO

Tata Motors: टाटा मोटर्स ने किए मैनेजमेंट में बड़े बदलाव, शैलेश चंद्रा बने कंपनी के नए MD और CEO

Last Updated on September 27, 2025 7:24, AM by Khushi Verma

Tata Motors : भारत की दिग्गज ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स ने शुक्रवार को अपने टॉप लेवल मैनेजमेंट में बड़े बदलाव किया है। शैलेश चंद्रा को 1 अक्टूबर से कंपनी का नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) बनाया गया है। वहीं, समूह सीएफओ पीबी बालाजी ने इस्तीफा दे दिया है और वह 17 नवंबर को पद छोड़ेंगे। उसी दिन से वह यूके में जेएलआर ऑटोमोटिव के सीईओ का कार्यभार संभालेंगे। बालाजी के इस्तीफे के बाद धीमान गुप्ता को टाटा मोटर्स का नया सीएफओ नियुक्त किया गया है, जिनकी जिम्मेदारी 17 नवंबर से प्रभावी होगी।

शैलेश चंद्रा कंपनी के नए CEO

बता दें कि टाटा मोटर्स ने 1 अक्टूबर से शैलेश चंद्रा को अपना नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) नियुक्त किया है। शैलेश चंद्रा, जो फिलहाल टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के जॉइंट MD हैं। उन्हें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्ट्रैटेजी को आकार देने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 2016 में टाटा मोटर्स में हेड ऑफ कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी एंड बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन के रूप में जॉइन किया था और बाद में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बिजनेस के प्रेसिडेंट बने।

शैलेश चंद्रा 2013 से 2016 तक टाटा संस में ग्रुप स्ट्रैटेजी और चेयरमैन ऑफिस में काम कर चुके हैं। वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (बी.टेक) और एस.पी. जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च से एग्जीक्यूटिव एमबीए कर चुके हैं। चंद्रा टाटा टेक्नोलॉजीज, फिएट इंडिया ऑटोमोबाइल्स, इटली की ट्रिलिक्स एस.आर.एल. और यूके स्थित टाटा मोटर्स डिज़ाइन टेक सेंटर पीएलसी जैसी विदेशी कंपनियों के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के तौर पर भी जुड़े हुए हैं।

पी.बी. बालाजी नवंबर 2017 से टाटा मोटर्स के ग्रुप CFO रहे हैं। वे अब 17 नवंबर से JLR ऑटोमोटिव, यूके के CEO का पद संभालेंगे. बालाजी ने कंपनी की फाइनेंशियल रीस्ट्रक्चरिंग और ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभाई है। इससे पहले उन्होंने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) में दो दशकों से अधिक समय तक विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया।

बता दें कि यह कदम उस समय उठाया गया है जब टाटा मोटर्स अपने कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस को अलग-अलग लिस्टेड एंटिटी में विभाजित करने की तैयारी कर रही है। यह नियुक्ति नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से टाटा मोटर्स की कंपोजिट स्कीम ऑफ अरेंजमेंट को मंजूरी मिलने के बाद की गई है।

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