Last Updated on September 26, 2025 21:08, PM by Pawan
त्योहारी सीजन से पहले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर्स के लिए चिंता की खबर है। टाटा एआईजी इंश्योरेंस ने मैक्स अस्पतालों में कैशलेस क्लेम सेटलमेंट की सर्विस बंद कर दी है। यानी, अब इलाज कराने पर कैशलेस सर्विस नहीं मिलेगी। मरीज को पूरा पैसा स्वयं चुकाना पड़ेगा जो बाद में रींबर्स होगा। इससे पहले स्टार हेल्थ और Niva Bupa भी देशभर के मैक्स अस्पतालों में यह सर्विस बंद कर चुके हैं। वहीं केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने सिर्फ दिल्ली-एनसीआर स्थित मैक्स अस्पतालों में यह सर्वि निलंबित की थी।
क्यों हुआ विवाद?
मैक्स हेल्थकेयर का कहना है कि Tata AIG ने 16 जनवरी 2025 से 15 जनवरी 2027 तक का दो साल का टैरिफ एग्रीमेंट साइन किया था। लेकिन जुलाई 2025 में कंपनी ने अचानक दरों में और कटौती की मांग कर दी और धमकी दी कि अगर उनकी शर्तें नहीं मानी गईं तो कैशलेस सुविधा रोक दी जाएगी। मैक्स अस्पतालों ने इसे अस्वीकार कर दिया और इसके बाद 10 सितंबर 2025 से कैशलेस सुविधा Tata AIG पॉलिसीहोल्डर्स के लिए बंद हो गई।
मैक्स ने साफ किया कि उन्होंने अस्पतालों में स्पेशल एक्सप्रेस डेस्क बनाया है ताकि मरीजों को रिइम्बर्समेंट क्लेम करने में आसानी हो और उन्हें इलाज के लिए पूरा पैसा तुरंत अपनी जेब से न चुकाना पड़े। हालांकि, Tata AIG के साथ इस मुद्दे पर अभी कोई औपचारिक बातचीत नहीं चल रही है।
इंश्योरेंस कंपनियों की दलील
Tata AIG का कहना है कि उन्होंने ग्राहकों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए स्पेशल अरेंजमेंट्स किए हैं। सभी क्लेम्स को प्राथमिकता के साथ प्रोसेस किया जा रहा है ताकि मरीजों को बिना रुकावट इलाज और सुविधा मिलती रहे। कंपनी का दावा है कि उनकी सर्विस टीमें हर केस पर नजर रख रही हैं और पूरी सहायता दे रही हैं।
स्टार हेल्थ, Niva Bupa और केयर हेल्थ का मामला
स्टार हेल्थ और Niva Bupa ने देशभर के 22 मैक्स अस्पतालों में कैशलेस सुविधा बंद की है।
केयर हेल्थ Insurance ने केवल दिल्ली-एनसीआर के मैक्स अस्पतालों में यह सुविधा निलंबित की है। मैक्स ने 10 फरवरी 2025 को केयर हेल्थ को लिखित रूप से इसकी सूचना दी थी।
मैक्स हेल्थकेयर का आरोप है कि Niva Bupa लगातार 2022 स्तर की दरों पर जोर दे रही है और और कमी की मांग कर रही है, जो अस्पताल के मुताबिक अनुचित और मरीजों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है।
मरीजों पर पड़ेगा असर
इस विवाद का सीधा असर उन मरीजों पर पड़ रहा है जिनके पास इन इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसी है। अब उन्हें कैशलेस सुविधा नहीं मिलेगी और इलाज के लिए पहले खुद पेमेंट करना होगा, बाद में इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम लेना होगा। फिलहाल, Tata AIG की ओर से संकेत मिले हैं कि मामले को सुलझाने के प्रयास जारी हैं और आने वाले दिनों में समाधान निकल सकता है।
