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स्टॉक मार्केट का जलवा; NSE पर निवेशकों की संख्या 12 करोड़ के पार, महिला और युवा बढ़-चढ़कर ले रहे हिस्सा

स्टॉक मार्केट का जलवा; NSE पर निवेशकों की संख्या 12 करोड़ के पार, महिला और युवा बढ़-चढ़कर ले रहे हिस्सा

Last Updated on September 25, 2025 15:20, PM by Pawan

 

भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शेयर बाजार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर यूनिक रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 12 करोड़ (120 मिलियन) के आंकड़े को पार कर गई है. यह मील का पत्थर 23 सितंबर, 2025 को हासिल किया गया. यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते विश्वास और पूंजी बाजार में आम लोगों की बढ़ती भागीदारी का एक मजबूत प्रमाण है.

यह सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि यह कहानी है भारत के बदलते आर्थिक परिदृश्य की, जहां अब छोटे शहरों और युवाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है. दिलचस्प बात यह है कि जनवरी 2025 में 11 करोड़ निवेशक का आंकड़ा पार करने के बाद, एनएसई ने महज आठ महीनों में एक करोड़ नए निवेशकों को जोड़ा है.

निवेशकों की संख्या में अभूतपूर्व तेजी

एनएसई पर निवेशकों की संख्या बढ़ने की रफ्तार पिछले कुछ सालों में काफी तेज हुई है. आंकड़ों पर नजर डालें तो इसकी तस्वीर और साफ होती है:

    • एनएसई की शुरुआत के 14 साल बाद निवेशकों का आंकड़ा 1 करोड़ पर पहुंचा था.

 

    • अगले 1 करोड़ निवेशक जुड़ने में करीब सात साल लगे.

 

    • इसके बाद 1 करोड़ निवेशक सिर्फ साढ़े तीन साल में जुड़ गए.

 

    • मार्च 2021 में निवेशकों की संख्या 4 करोड़ तक पहुंचने में 25 साल से ज्यादा का वक्त लगा. लेकिन इसके बाद की रफ्तार हैरान करने वाली है.

 

    • अगले 1 करोड़ निवेशक महज 6-7 महीनों में ही जुड़ गए.

 

    • यह तेज ग्रोथ भारत में डिजिटलीकरण, फिनटेक की आसान पहुंच, बढ़ते मध्यम वर्ग और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहायक नीतिगत उपायों का नतीजा है.

 

कौन हैं ये नए निवेशक? युवा और महिलाएं बढ़ा रहीं भागीदारी

 

सबसे खास बात यह है कि शेयर बाजार में अब सिर्फ बड़े शहरों के अनुभवी निवेशक ही नहीं, बल्कि युवा और महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.

    • युवाओं का बढ़ता क्रेज: आज एनएसई पर रजिस्टर्ड 12 करोड़ निवेशकों की औसत उम्र लगभग 33 साल है. पांच साल पहले यह औसत उम्र 38 साल थी. यह गिरावट बताती है कि युवा पीढ़ी तेजी से पूंजी बाजार की ओर आकर्षित हो रही है. लगभग 40% निवेशक 30 साल से कम उम्र के हैं.

 

    • महिला निवेशकों की बढ़ती ताकत: आज हर चार में से एक निवेशक महिला है. यह आंकड़ा वित्तीय स्वतंत्रता और जागरूकता में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है.

 

देश के कोने-कोने तक पहुंचा शेयर बाजार

शेयर बाजार अब सिर्फ मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों तक सीमित नहीं रहा. एनएसई का निवेशक आधार आज भारत के 99.85% पिन कोड तक फैल चुका है.

31 अगस्त, 2025 तक, तीन राज्यों में यूनिक रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा थी. महाराष्ट्र 1.9 करोड़ (19 मिलियन) निवेशकों के साथ सबसे आगे है. इसके बाद उत्तर प्रदेश 1.4 करोड़ (14 मिलियन) निवेशकों के साथ दूसरे स्थान पर है. गुजरात इस सूची में नया नाम है, जहां 1.03 करोड़ (10.3 मिलियन) निवेशक हैं.

SIP और अप्रत्यक्ष निवेश का बढ़ता चलन

डायरेक्ट इक्विटी के अलावा, म्यूचुअल फंड के जरिए अप्रत्यक्ष निवेश भी लगातार बढ़ रहा है. अप्रैल 2025 से अगस्त 2025 के बीच लगभग 2.9 करोड़ (29 मिलियन) नए एसआईपी खाते खोले गए. इस अवधि के दौरान, औसत मासिक एसआईपी प्रवाह 27,464 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में 21,883 करोड़ रुपए था. यह दिखाता है कि लोग व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से निवेश करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

बाजार ने भी दिया निवेशकों को शानदार रिटर्न

निवेशकों का यह भरोसा अकारण नहीं है. भारतीय बाजार ने पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है.

    • इस वित्त वर्ष में 23 सितंबर, 2025 तक, बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स ने 7.0% का रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 500 इंडेक्स ने 9.3% का मजबूत लाभ दिया है.

 

    • 23 सितंबर, 2025 को समाप्त पांच साल की अवधि में, निफ्टी 50 और निफ्टी 500 के लिए वार्षिक रिटर्न क्रमशः 17.7% और 20.5% रहा है, जो कई उभरते और विकसित बाजारों से बेहतर है.

 

    • इस पांच साल की अवधि में एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 25.1% की वार्षिक दर से बढ़कर 23 सितंबर, 2025 तक 460 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

 

बढ़ती जागरूकता और निवेशक सुरक्षा

निवेशकों की बढ़ती संख्या के साथ, वित्तीय जागरूकता और उनकी सुरक्षा भी एक प्राथमिकता बन गई है. एनएसई इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है.

    • निवेशक जागरूकता कार्यक्रम: पिछले पांच वर्षों में, एनएसई द्वारा निवेशक जागरूकता कार्यक्रम (IAPs) चार गुना बढ़े हैं. वित्त वर्ष 2020 में 3,504 कार्यक्रमों से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में यह संख्या 14,679 हो गई, जिससे 8 लाख से अधिक प्रतिभागियों तक पहुंचा जा सका.

 

    • निवेशक सुरक्षा कोष: एनएसई का निवेशक सुरक्षा कोष (IPF) 31 अगस्त, 2025 तक लगभग 21% सालाना बढ़कर 2,644 करोड़ रुपए हो गया है.

 

FAQs: आपके लिए जरूरी सवाल

Q. NSE पर कुल कितने यूनिक रजिस्टर्ड निवेशक हैं?

A. 23 सितंबर, 2025 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कुल 12 करोड़ (120 मिलियन) यूनिक रजिस्टर्ड निवेशक हैं.

Q. नए निवेशकों में युवाओं की भागीदारी कितनी है?

A. NSE पर लगभग 40% निवेशक 30 साल से कम उम्र के हैं, और निवेशकों की औसत आयु घटकर 33 वर्ष हो गई है.

Q. शेयर बाजार में महिला निवेशकों की संख्या कितनी है?

A. आज हर चार निवेशकों में से एक महिला निवेशक है.

Q. सबसे ज्यादा निवेशक किस राज्य से हैं?

A. महाराष्ट्र 1.9 करोड़ निवेशकों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद उत्तर प्रदेश (1.4 करोड़) और गुजरात (1.03 करोड़) का स्थान है.

Q. निवेशकों की संख्या में इतनी तेजी क्यों आई है?

A. डिजिटलीकरण, आसान KYC प्रक्रिया, फिनटेक की पहुंच, बढ़ती वित्तीय साक्षरता और बाजार से मिले अच्छे रिटर्न जैसे कारकों ने निवेशकों की संख्या बढ़ाने में मदद की है

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