Last Updated on September 25, 2025 11:55, AM by Khushi Verma
ICICI Direct ने अपने ग्राहकों के लिए Demat Charges का स्ट्रक्चर बदल दिया है. अगर आप भी इनके यूजर हैं, तो आपके लिए ये खबर बेहद जरूरी है. 13 अक्टूबर 2025 से हर शेयर बेचने पर एक फ्लैट चार्ज देना होगा. अब तक जो चार्ज स्ट्रक्चर था, उसमें थोड़ा बदलाव कर दिया गया है. आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.
डीमैट चार्ज में क्या बदला?
कंपनी ने साफ किया है कि अब हर sell transaction पर ₹20+GST per scrip per day चार्ज लगेगा. यानी, आप जिस दिन भी अपने डीमैट अकाउंट से कोई शेयर बेचेंगे, उस पर फ्लैट ₹20 चार्ज लगेगा, चाहे आप 10 शेयर बेचें या 1000.
इसमें वो चार्ज भी शामिल होंगे जो depositories को जाने होते हैं-
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- NSDL: ₹4.5+GST
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- CDSL: ₹5.5+GST
यानि अब सब मिलाकर एक फ्लैट अमाउंट ले लिया जाएगा.
Demat Charges को आसान भाषा में समझें
डीमैट चार्ज वो फीस है जो ब्रोकरेज कंपनी आपके शेयर बेचने पर वसूलती है. ये ट्रेडिंग चार्ज से अलग होता है. ट्रेडिंग चार्ज तो ऑर्डर प्लेस करने पर लगता है, लेकिन डीमैट चार्ज खास तौर पर आपके डीमैट अकाउंट से शेयर डेबिट करने पर लगता है.
कैसे लागू होंगे नए चार्ज- उदाहरण से समझें
1. एक ही स्टॉक, अलग-अलग प्रोडक्ट टाइप
अगर आप एक ही दिन में एक ही स्टॉक को अलग-अलग प्रोडक्ट टाइप से बेचते हैं, तो हर प्रोडक्ट पर चार्ज लगेगा.
उदाहरण:
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- Stock A, Delivery- 23 Qty → ₹20
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- Stock A, Delivery- 17 Qty → ₹0 (क्योंकि उसी दिन उसी प्रोडक्ट में पहले ही चार्ज लिया जा चुका)
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- Stock A, eATM- 23 Qty → ₹20
टोटल चार्ज: ₹40
2. अलग-अलग स्टॉक्स पर सेल
अगर आप एक ही दिन अलग-अलग स्टॉक्स बेचते हैं, तो हर स्टॉक पर अलग चार्ज लगेगा.
उदाहरण:
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- Stock A, 50 Qty → ₹20
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- Stock B, 10 Qty → ₹20
टोटल चार्ज: ₹40
3. Pledged Shares की सेल
अगर आपने अपने शेयर pledge किए हुए हैं और उन्हें SPOT में बेचते हैं, तो हर ऑर्डर पर ₹20+GST का चार्ज लगेगा.
निवेशकों पर क्या असर होगा?
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- छोटे निवेशक: अगर आप थोड़ी-थोड़ी क्वांटिटी बेचते हैं, तो हर बार चार्ज बढ़ सकता है.
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- बड़े निवेशक: बड़ी वैल्यू के ट्रेड्स पर फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि चार्ज फ्लैट रहेगा.
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- Frequent traders: जिनके रोजाना कई स्टॉक्स के छोटे-छोटे ऑर्डर होते हैं, उन पर लागत बढ़ेगी.
पहले कितना लगता था- और अब क्या बदला?
ICICI Direct पहले Sell ट्रांजैक्शन पर 0.04% of the value of securities का चार्ज वसूलता था (न्यूनतम ₹30, अधिकतम ₹25,000). इसका मतलब था कि अगर आप ₹1,00,000 का शेयर बेचते, तो चार्ज लगभग ₹40 होता. लेकिन अब नया नियम लागू होगा- ₹20 + GST (flat per scrip per day)- चाहे आप कितनी भी वैल्यू का स्टॉक बेचें. यह बदलाव एक बड़े “फ्लैट-चार्ज” मॉडल की तरफ इशारा करता है, जिसमें आपकी सेल वैल्यू का महत्व कम हो जाता है और सादगी बढ़ जाती है.
Conclusion: सेलिंग स्ट्रैटेजी समझदारी से प्लान करें
कुल मिलाकर ICICI Direct ने डीमैट चार्जेज को आसान बना दिया है- अब हर सेल पर फ्लैट ₹20+GST लगेगा. फर्क सिर्फ इतना है कि पहले अलग-अलग चार्जेज डिपॉजिटरी और ब्रोकरेज के हिसाब से एडजस्ट होते थे, अब सब मिलाकर एक ही अमाउंट काटा जाएगा.
इसका सीधा मतलब है- अगर आप बार-बार छोटे-छोटे ऑर्डर लगाते हैं, तो चार्ज ज्यादा दिखेंगे. लेकिन अगर आप बल्क में या बड़ी क्वांटिटी में बेचते हैं, तो आपके लिए ये स्ट्रक्चर ज्यादा आसान और predictable होगा.
अब निवेशकों को चाहिए कि अपनी सेलिंग स्ट्रैटेजी थोड़ी समझदारी से प्लान करें- कम ऑर्डर, ज्यादा क्वांटिटी वाला अप्रोच अपनाएं, ताकि चार्जेज कम पड़ें.
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. Demat Charges क्या होते हैं?
Demat Charges वो फीस है जो आपके शेयर Demat अकाउंट से बेचने पर लगती है. ये ट्रेडिंग चार्ज से अलग होती है.
Q2. क्या Demat Charges हर ब्रोकरेज कंपनी में एक जैसे होते हैं?
नहीं, हर ब्रोकरेज कंपनी का स्ट्रक्चर अलग होता है. कुछ फ्लैट चार्ज लेते हैं, कुछ वैल्यू या क्वांटिटी के हिसाब से.
Q3. क्या Demat Charges सिर्फ सेलिंग पर लगते हैं?
हां, Demat Charges सिर्फ तब लागू होते हैं जब आप अपने Demat अकाउंट से शेयर बेचते हैं.
Q4. क्या GST भी Demat Charges पर लगता है?
हां, सभी Demat Charges पर 18% GST लागू होता है.
Q5. क्या ये चार्ज बचाए जा सकते हैं?
नहीं, ये mandatory चार्ज हैं. लेकिन हां, आप अपनी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी बदलकर इनका असर कम कर सकते हैं.
