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सरकार इस साल 47000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को कर जाएगी पार : दीपम सचिव अरुणीश चावला

सरकार इस साल 47000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को कर जाएगी पार : दीपम सचिव अरुणीश चावला

Last Updated on September 23, 2025 9:32, AM by Pawan

दीपम सचिव अरुणीश चावला ने सोमवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए एक “संतुलित” नजरिया अपना रही है, जिसमें जीएसटी सुधार, टैक्स राहत और मजबूत सार्वजनिक निवेश की नीति को शामिल किया गया है। नई दिल्ली में नेटवर्क18 रिफॉर्म्स रीलोडेड में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले से उठाए गए सुधारात्मक कदमों के कारण सालाना पब्लिक इन्वेस्टमेंट टारगेट का एक तिहाई हिस्सा जुलाई तक ही पूरा हो चुका है।

सीएनबीसी टीवी 18 की मैनेजिंग एडिटर शीरीन भान के साथ चर्चा में, चावला ने कहा कि बजटीय सहायता के माध्यम से सार्वजनिक निवेश तय लक्ष्य के मुताबिक आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि जुलाई के अंत तक सालाना टारगेट का 33 फीसदी हासिल कर लिया गया है। उन्होंने पूंजी बाजार के विस्तार और सरलीकरण को एक बड़े सुधार के रूप में हाईलाइट किया और कहा कि हाल की घबराहट के बावजूद,दो-तिहाई घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) व्यक्तिगत निवेशक हैं।

जनवरी से अगस्त तक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बाजार से 1 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं, जबकि DIIs ने 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।

चावला ने कहा, “जैसे ही बाजार स्टेबल हो, हम और अधिक OFS (ऑफर फॉर सेल), माइनेरिटी स्टॉक सेल और कुछ IPOs लाएंगे और इस विनिवेश प्रक्रिया को तेजी देंगे।” उन्होंने कहा कि सरकार को इस साल 47,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पार करने का भरोसा है।

उन्होंने कहा, “हम विकास के संक्रमण के दौर में हैं।” हेडलाइन फिगर्स पर ज़्यादा ध्यान न देने का आग्रह करते हुए उन्होंने आगे “अगर हम ग्लोबल ग्रोथ के सापेक्ष विकास कर सकें,तो हमें बहुत खुशी होगी।”

22 सितंबर से नई जीएसटी व्यवस्था लागू होने के साथ ही भारत में बिजनेस करने के तरीकों,उपभोक्ताओं द्वारा खरीदारी करने के तरीके तथा निवेशकों द्वारा इन परिवर्तनों को देखने के तरीके में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

इस कार्यक्रम में सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों और अंतिम उपभोक्ताओं पर इसके प्रभाव को समझने के लिए सरकार और नीति निर्माण से जुड़े देश के कुछ सबसे प्रभावशाली लोगों को एक मंच पर लाया गया है ताकि जीएसटी सुधार के असर और इसके द्वारा उत्पन्न अवसरों की पहचान की जा सके।

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