Last Updated on September 23, 2025 21:38, PM by Pawan
निजी डिफेंस कंपनियों की आय में चालू वित्त वर्ष में 16-18 फीसदी की वृद्धि हो सकती है. इसकी वजह घरेलू स्तर पर मांग मजबूत रहना है. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. CRISIL की रिपोर्ट में कहा गया कि यह FY22-FY25 के बीच 20 फीसदी CAGR दर्ज किए जाने के बाद है. इस वृद्धि दर को गति सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण नीतिगत कदमों से मिली है, जिससे बड़े पैमाने पर निजी निवेश आकर्षित हुआ है. अनुसंधान एवं विकास और पूंजीगत व्यय में निवेश ने कंपनियों की क्षमताओं को मजबूत किया है, जिससे उन्हें बड़े ऑर्डर हासिल करने में मदद मिली है. ऑपरेटिंग मार्जिन 18-19 फीसदी के दायरे में रहने के साथ मुनाफा स्थिर रहा है.
कंपनियों की बैलेंसशीट मजबूत और ग्रोथ दमदार
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में इक्विटी निवेश से कार्यशील पूंजी ऋण और पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) योजनाओं में वृद्धि के बावजूद, बैलेंस शीट स्वस्थ बनी हुई है. यह विश्लेषण क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा रेटिंग प्राप्त 25 से अधिक निजी रक्षा कंपनियों के आंकड़ों पर आधारित है, जो मिलकर उद्योग के राजस्व में लगभग आधे का योगदान करती हैं.
डिफेंस सेक्टर में सरकारी कंपनियों का दबदबा है
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की डिफेंस इंडस्ट्री में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का दबदबा है, लेकिन निजी कंपनियों का रेवेन्यू शेयर बढ़ रहा है और उन्हें घरेलू खरीद और आत्मनिर्भरता के लिए सरकार के मजबूत प्रोत्साहन का लाभ मिल रहा है, जो भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से बढ़े सैन्य खर्च के अलावा, उच्च पूंजीगत व्यय से स्पष्ट होता है.
FY26 के अंत तक 55000 करोड़ का होगा ऑर्डर बुक
इसके परिणामस्वरूप, आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों और निजी इक्विटी निवेशों के माध्यम से निजी डिफेंस कंपनियों पूंजी प्रवाह आकर्षित हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल ऑर्डर बुक लगभग 55,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, जो वित्तीय वर्ष 24 के अंत तक 40,000 करोड़ रुपए थी.
