भारतीय नौसेना अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जल्द ही चार बड़े लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPD) युद्धपोत बनाने का टेंडर जारी करने वाली है। इसकी अनुमानित लागत करीब 80,000 करोड़ रुपये होगी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह प्रोजेक्ट भारत में सरफेस वॉरशिप बनाने के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक माना जा रहा है। बताया गया है कि रक्षा मंत्रालय इस प्रस्ताव पर जल्द ही एक हाई लेवल बैठक में चर्चा करेगा।
LPD युद्धपोत क्यों जरूरी हैं?
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, नौसेना चाहती है कि ये जहाज कई कामों के लिए इस्तेमाल किए जा सकें-
भारतीय शिपयार्ड आगे, विदेशी कंपनियां पार्टनर
इस प्रोजेक्ट में भारतीय शिपयार्ड्स लीड करेंगे। इसमें L&T, मझगांव डॉक, कोचीन शिपयार्ड और हिंदुस्तान शिपबिल्डर्स लिमिटेड शामिल हैं।
डिजाइन पार्टनर के तौर पर विदेशी कंपनियां जैसे Navantia (स्पेन), Naval Group (फ्रांस) और Fincantieri (इटली) जुड़ सकती हैं।
2021 से तैयारी
नौसेना ने इस प्रोजेक्ट के लिए 2021 में जानकारी मांगने का अनुरोध (RFI) जारी किया था। इन जहाज़ों की मदद से नौसेना न सिर्फ उभयचर युद्ध (Amphibious Warfare) में मजबूती पाएगी, बल्कि –