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चांदी ने सोने और शेयर बाजार को पीछे छोड़ा! इस साल 49% से ज्यादा दिया रिटर्न | Zee Business

चांदी ने सोने और शेयर बाजार को पीछे छोड़ा! इस साल 49% से ज्यादा दिया रिटर्न | Zee Business

Last Updated on September 21, 2025 15:35, PM by Pawan

Silver Return: इस साल चांदी ने जबरदस्त बढ़त दिखाई है. चांदी ने सोने और शेयर बाजार को पीछे छोड़ा है. वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी और सोलर व इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों में मजबूत औद्योगिक मांग से चांदी ने इस साल अबतक 49% से ज्यादा रिटर्न दिया है.

क्या चांदी अब भी निवेश के लिहाज से अच्छी स्थिति में?

एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि ग्लोबल लेवल पर अनिश्चितता और जोखिम के बीच क्लीन एनर्जी/सोलर/ईवी सेक्टर में मांग मजबूत बनी हुई है. ऐसे में कुछ सावधानियों के साथ जोखिम क्षमता के आधार पर चांदी अब भी निवेश के लिहाज से अच्छी स्थिति में है.

चांदी की बढ़त के पीछे के कारण

    • सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में उत्पादन व मांग में बढ़ोतरी

 

    • सुरक्षित निवेश के लिए बढ़ा भरोसा

 

    • अमेरिकी डॉलर में कमजोर रुख

 

    • फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें

 

    • सोने में रिकॉर्ड तेजी

 

    • कम आपूर्ति और ज्यादा मांग

 

चांदी का भाव

MCX एमसीएक्स पर चांदी की कीमत साल की शुरुआत में करीब ₹87,233 प्रति किलोग्राम थी. 19 सितंबर 2025 तक यह बढ़कर ₹1,30,099 प्रति किलोग्राम हो गई है. इसका मतलब है कि चांदी ने इस साल अबतक 49.14% का रिटर्न दिया.

 

सोना-शेयर बाजार को छोड़ा पीछे

रिटर्न के लिहाज से चांदी ने सोने और शेयर बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है. चांदी ने सालाना आधार पर जहां इस साल अब तक 49.14% का रिटर्न दिया है, वहीं सोना 43.2% और शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी क्रमश: 5.74% और 7.1% चढ़े हैं.

निवेश विकल्प इस साल रिटर्न (%)
चांदी  49.14%
सोना  43.2%
सेंसेक्स  5.74%
निफ्टी  7.1%

एक्सपर्ट्स की राय

चांदी की कीमतों में तेज बढ़ोतरी

मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (कमोडिटीज) राहुल कलंत्री ने कहा, इस साल चांदी की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई, जिसका कारण अमेरिकी डॉलर में कमजोर रुख और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती को लेकर बढ़ती उम्मीदें थीं. इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी और सौर एवं इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों की मजबूत औद्योगिक मांग ने इस धातु को और मजबूत किया.

कमजोर रुपया चांदी को को और दे रहा बढ़ावा

उन्होंने कहा, इसके साथ कम आपूर्ति की स्थिति और सोने की रिकॉर्ड तेजी से भी चांदी को समर्थन मिला. वैश्विक संकेतों के अलावा, डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया घरेलू बाजार में चांदी को और बढ़ावा दे रहा है.

चांदी में बहुमूल्य और मूल धातु दोनों के गुण

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ प्रबंधक और विश्लेषक (कमोडिटी और करेंसी रिसर्च) मानव मोदी ने कहा, चांदी एक ऐसा कमोडिटी है जिसमें बहुमूल्य और मूल धातु दोनों के गुण हैं. सफेद धातु में 2025 में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई और यह 1,30,000 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक घरेलू उच्चस्तर पर पहुंची और 2012 के बाद कॉमेक्स में उच्चतम स्तर 40 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची.

उन्होंने कहा, जहां तक तेजी के कारणों का सवाल है, मजबूत औद्योगिक मांग, मजबूत ईटीपी (एक्सचेंज ट्रेडेड प्रोडक्ट) प्रवाह, सुरक्षित निवेश की मांग और औद्योगिक धातुओं में तेजी के कारण इसमें मजबूती आई.

इस वजह से मजबूत हो रही है चांदी

मोदी ने कहा, सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में एक प्रमुख कच्चे माल के रूप में, चांदी का उपयोग होता है जिससे इसे हरित प्रौद्योगिकी में संरचनात्मक बढ़ोतरी का लाभ मिल रहा है. इसके अलावा, चीन में नीतियों में ढील, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती, शुल्क अनिश्चितता और वैश्विक आपूर्ति में कमी सहित सहायक वृहद आर्थिक रुझानों के साथ, चांदी सुरक्षित निवेश और आर्थिक सुधार दोनों ही विषयों से लाभ उठाने की विशिष्ट स्थिति में है.

2025 चांदी की आपूर्ति में कमी का लगातार पांचवां साल

सिल्वर इंस्टिट्यूट के अनुसार, 2025 चांदी की आपूर्ति में कमी का लगातार पांचवां साल होगा. इसका मतलब है कि मांग, आपूर्ति से आगे निकल रही है, और इस मांग का 50% से ज्यादा हिस्सा औद्योगिक उपयोग से आ रहा है.

निवेश के लिए सलाह

एक्सपर्ट्स का कहना है कि चांदी निवेश के लिए अभी भी अच्छी स्थिति में है, लेकिन कुछ सावधानियों के साथ इसमें निवेश किया जा सकता है. स्वच्छ ऊर्जा/सौर/इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में मांग मजबूत बनी हुई है. इसके साथ, भू-राजनीतिक जोखिम, मुद्रा में कमजोर रुख बने रहने या उसके बढ़ने, आने वाले समय में ब्याज दर में कमी की उम्मीद के साथ चांदी में और तेजी आ सकती है.

इन बातों को देखते हुए मध्यम से लंबी अवधि में चांदी में और तेजी आने की संभावना है. सोने के साथ-साथ, व्यक्तिगत जोखिम क्षमता के आधार पर विविधीकरण के तौर पर चांदी को भी अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए. कमोडिटी की उच्च बीटा प्रकृति को देखते हुए, गिरावट का इंतजार करना चाहिए और जोखिम क्षमता के आधार पर निवेश करना चाहिए.

खबर से जुड़ा FAQs

Q1. इस साल चांदी ने कितना रिटर्न दिया?

2025 में अब तक चांदी ने करीब 49.14% का रिटर्न दिया है.

Q2. चांदी में इतनी बढ़त क्यों आई?

इसका मुख्य कारण- सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों में तेज़ी से बढ़ती मांग, रुपए में कमजोरी, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश के तौर पर बढ़ा भरोसा.

Q3. क्या अभी चांदी में निवेश करना सही रहेगा?

हां, लेकिन सावधानी से करें. मध्यम से लंबी अवधि के लिए सोचें.

Q4. चांदी का उपयोग किन क्षेत्रों में होता है?

सौर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, औद्योगिक उपकर, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि.

Q5. क्या चांदी सोने से ज़्यादा फायदेमंद है?

अभी के आंकड़ों के अनुसार 2025 में चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है।

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