Last Updated on September 20, 2025 22:06, PM by Pawan
IT Stocks: इंफोसिस और विप्रो जैसी भारतीय आईटी कंपनियों की अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड, अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स (ADRs) में शुक्रवार को 4 पर्सेंट तक की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा पर लिए गए फैसले के बाद आई है। ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस को कई गुना तक बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया है।
इस फैसले के बाद शुक्रवार को इंफोसिस के ADRs में 4% तक की गिरावट आई, जबकि विप्रो का ADRs 2% की गिरावट के बंद हुआ। अब निवेशकों की नजरें सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में आईटी कंपनियों के प्रदर्शन पर होंगी।
नए नियमों के मुताबिक अब हर नए H-1B वीजा आवेदन या उसके सप्लीमेंट के तौर पर कंपनियों को हर साल 1,00,000 डॉलर का भुगतान करना होगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय को यह अधिकार होगा कि अगर भुगतान नहीं किया गया तो आवेदन खारिज कर दिया जाए।
एनालिस्ट्स का कहना है कि यह भारतीय आईटी कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती तो है लेकिन इससे उनके ऊपर अस्तित्व का कोई संकट नहीं है। यहां ये बताना जरूरी है कि फिलहाल अमेरिका में पहले से काम कर रहे H-1B वीजा धारकों पर इस फैसले का कोई तात्कालिक असर नहीं पड़ेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतनी ऊंची लागत के चलते H-1B वीजा प्रोग्राम का मौजूदा स्वरूप में टिक पाना मुश्किल होगा।
भारतीय कंपनियों पर असर
भारतीय आईटी कंपनियों की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर अमेरिका से आता है। कई कंपनियां अपनी एक-तिहाई से लेकर दो-तिहाई तक की कमाई इसी भौगोलिक इलाके से करती हैं। ऐसे में H-1B नियमों में बदलाव उनके बिजनेस मॉडल को प्रभावित कर सकते हैं।
बाजार की नजर आईटी स्टॉक्स पर
निफ्टी आईटी इंडेक्स में पिछले कारोबारी हफ्ते 1% से 3% तक की तेजी देखने को मिली थी। निवेशकों की नजरें अब सोमवार सुबह बाजार खुलने पर आईटी इंडेक्स की चाल पर टिकी रहेगी। देखना होहा कि इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो और दूसरी बड़ी आईटी कंपनियों के शेयरों का रिएक्शन कैसा रहता है।
डिस्क्लेमरः एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।