Last Updated on September 19, 2025 21:59, PM by Pawan
देश ही नहीं एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव का ट्रेन चलाने का सफर आसान नहीं रहा। एक ऐसी फील्ड जिसमें हमेशा से पुरुषों का दबदबा रहा हो, वहां एशिया की पहली महिला पायलट के तौर पर काम करना कितना मुश्किल रहा होगा, ये सिर्फ सुरेखा ही जानती हैं। लेकिन अपनी हिम्मत और मेहनत के साथ ही परिवार के प्रोत्साहन ने इस सफर को आसान बना दिया।
1989 में भारतीय रेलवे में भरती हुईं सुरेखा का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ। उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी आने वाले सफर की। वो सफर जिसमें उन्हें भारतीय रेलवे की हर प्रकार की ट्रेन चलाने के साथ ही देश की पहली वंदे भारत ट्रेन चलाने का भी सम्मान मिलेगा। 36 साल तक भारतीय रेल की सेवा के बाद सुरेखा 30 सितंबर को रिटायर हो जाएंगी। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यादव 1989 में भर्ती होने के बाद अगले वर्ष सहायक चालक बनीं और उन्होंने एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक बनकर इतिहास रच दिया।
मध्य रेलवे ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर, सुरेखा यादव, 36 वर्षों की शानदार सेवा के बाद 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगी। एक सच्ची पथप्रदर्शक, उन्होंने बाधाओं को तोड़ा, अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया और साबित किया कि किसी भी सपने को पूरा किया जा सकता है। उनकी यात्रा हमेशा भारतीय रेलवे में महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बनी रहेगी।’
Smt. Surekha Yadav, Asia’s First Woman Train Driver, will retire on 30th September after 36 glorious years of service
A true trailblazer, she broke barriers, inspired countless women, and proved that no dream is beyond reach. Her journey will forever remain a symbol of women… pic.twitter.com/5zDOzvkAD4 — Central Railway (@Central_Railway) September 18, 2025
आनंद महिंद्रा ने एक्स पर दी बधाई
उनकी इस उपलब्धि पर सिर्फ मध्य रेलवे ही गौरवान्वित नहीं है। देश के मश्हूर उद्योगपति और महिंद्रा समूह के अध्यक्ष अनंद महिंद्रा ने भी अपने एक्स हैंडल पर सुरेखा को बधाई दी है। उन्होंने लिखा, ‘पहली महिला ट्रेन चालक, अग्रणी होने के लिए बधाई, सुरेखा जी। और लोगों की सेवा के इतने लंबे करियर के बाद आपकी सेवानिवृत्ति पर मेरी शुभकामनाएं।’
