Last Updated on September 18, 2025 11:55, AM by Pawan
Markets : सितंबर की शुरुआत से इक्विटी बाजार में दिखाई देने वाली मजबूत तेजी के कारण भारत का मार्केट कैप 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। बीएसई-लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 465 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। यह स्तर आखिरी बार 3 अक्टूबर 2024 को देखने को मिला था। यह आंकड़ा 27 सितंबर 2024 को देखने को मिले रिकॉर्ड हाई से केवल 2.7 फीसदी कम है। सितंबर की शुरुआत से अब तक निवेशकों ने लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू जोड़ी है जो सभी सेक्टरों में निवेशकों की मजबूत भागीदारी का संकेत है।
बाजार में आई बढ़त काफी व्यापक रही है। लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में एक साथ तेजी आई है। इस महीने अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में 3.6-3.6 फीसदी की तेजी आई है। इसके चलते ये इंडेक्स 26 सितंबर 2024 के रिकॉर्ड हाई से केवल 3.6 फीसदी दूर रह गए हैं।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स 4.7 फीसदी चढ़ा है, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 6 फीसदी बढ़ा है। सरकारी कंपनियों के शेयरों ने इस तेजी को लीड किया है। जिससे बीएसई पीएसयू इंडेक्स 7.5 फीसदी ऊपर नजर आ रहा है। दूसरे सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो बीएसई ऑटो में 9 फीसदी,तेल एवं गैस में 4.5 फीसदी और बीएसई 500 (एक ब्रॉडर मार्केट इंडीकेट) में इस दौरान 5 फीसदी की तेजी आई है।
भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता में प्रगति को लेकर बढ़ी उम्मीद और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती इस तेजी को ईंधन मिल रहा है। मजबूत घरेलू मांग, सरकार द्वारा जीएसटी में कटौती और ईंधन खपत में मजबूती के रुझान से ऑटो और एनर्जि शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है।
तकनीकी नजरिए से देखें तो मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि निफ्टी के लिए 25,400 पर तत्काल रेजिस्टेंस है। इसके ऊपर जाने पर निफ्टी के लिए 25,500-25,600 की ओर का रास्ता खुल सकता है, जबकि इसके लिए 25,250-25,100 पर सपोर्ट है।
मार्केट एक्सपर्टस का मानना है कि फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद यह तेजी और बढ़ेगी। महंगाई में नरमी के बीच आरबीआई अक्टूबर 2025 में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता। इस बीच, अर्बन कंपनी सहित तीन बड़े आईपीओ ने शानदार शुरुआत की है। ये मिडकैप शेयरों के लिए मजबूत रुझान का संकेत है।
एक्सपर्टस की राय है कि यूएस फेड के नकदी बढ़ाने के प्रयासों,ट्रेड वार्ता में होने वाली प्रगति और सेक्टर स्पेसिफिक मज़बूती के दम पर बाजार में आगे भी तेजी देखने को मिलेगी। बाजार में वैल्यूएशन महंगा बना हुआ है,लेकिन अगली कुछ तिमाहियों में बैंकों,एनबीएफसी और ऑटोमोबाइल जैसे खपत से जुड़े सेक्टरों की लीडरशप में कंपनियों की कमाई में बढ़त होने की उम्मीद है। कमज़ोर मांग और कैपेक्स में सुस्ती को देखते हुए आईटी सर्विसेज और कैपेक्स से जुड़ी कंपनियों में सुस्ती देखने को मिल सकती है।
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