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भारतीय शेयरों ने पिछले 20 साल में दिया 14% का CAGR, निवेशकों की संपत्ति 13 गुना बढ़ी

भारतीय शेयरों ने पिछले 20 साल में दिया 14% का CAGR, निवेशकों की संपत्ति 13 गुना बढ़ी

Last Updated on September 15, 2025 21:47, PM by Pawan

 

अगर आपने पिछले 20 सालों से भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाया होता तो आज आपकी दौलत 13 गुना बढ़ गई होती. फंड्सइंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयरों (निफ्टी 50) ने पिछले दो दशकों में सालाना 14% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से रिटर्न दिया है. इसका मतलब है कि अगर किसी ने 20 साल पहले 1 लाख रुपये लगाए होते, तो आज उसकी कीमत 13 लाख रुपये होती.

सोना थोड़ा आगे, रियल एस्टेट और डेट मार्केट पीछे

दिलचस्प बात ये है कि इस दौरान सोने ने शेयरों से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है. सोने ने 14.7% का CAGR दिया, जिससे 20 सालों में निवेश 16 गुना बढ़ गया. वहीं, रियल एस्टेट और डेट मार्केट जैसे पारंपरिक निवेश के साधनों ने काफी कम रिटर्न दिया. रियल एस्टेट ने 7.7% और डेट मार्केट ने 7.5% का CAGR दर्ज किया.

मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों ने बनाया सबसे ज्यादा पैसा

रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि असली वेल्थ क्रिएटर मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयर रहे हैं.

    • मिड-कैप शेयर (निफ्टी मिडकैप 150): इन्होंने 16.2% की सालाना दर से वृद्धि की, जिससे निवेशकों की संपत्ति 20 सालों में 20 गुना बढ़ गई.

 

    • स्मॉल-कैप शेयर (निफ्टी स्मॉलकैप 250): इनका CAGR 14.2% रहा, जिससे निवेश 14 गुना बढ़ा.

 

    • लार्ज-कैप शेयर (निफ्टी 100): इन्होंने 13.9% का CAGR दिया और संपत्ति को 13.6 गुना बढ़ाया.

 

लंबी अवधि के निवेश का जादू

ये रिपोर्ट लंबी अवधि के निवेश (लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग) के महत्व को भी उजागर करती है. आंकड़ों के अनुसार, अगर आप कम समय के लिए पैसा लगाते हैं तो नुकसान का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन जैसे-जैसे आपका निवेश का समय बढ़ता है, यह खतरा लगभग खत्म हो जाता है.

    • इंट्रा-डे ट्रेडिंग: इसमें 43% मामलों में नुकसान की संभावना होती है.

 

    • एक साल की होल्डिंग: इसमें भी 23% तक नुकसान का खतरा रहता है.

 

    • तीन साल की होल्डिंग: यह खतरा घटकर केवल 6% रह जाता है.

 

    • सात से दस साल की होल्डिंग: इस अवधि में निफ्टी 50 में निवेश करने पर नुकसान की संभावना शून्य हो जाती है.

 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 73% मामलों में भारतीय इक्विटी (निफ्टी 50) 6-7 साल में दोगुनी हो गई और 80% मामलों में 10-11 साल में तीन गुनी हो गई.

वैश्विक बाजारों की तुलना

वैश्विक स्तर पर भी इक्विटी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. अमेरिका के बेंचमार्क इंडेक्स S&P 500 ने 14.7% का CAGR दिया, जिससे पिछले 20 सालों में निवेशकों की दौलत 15.6 गुना बढ़ी है.

Frequently Asked Questions (FAQs)

1. पिछले 20 सालों में भारतीय शेयरों ने कितना रिटर्न दिया है?

भारतीय शेयरों ने पिछले 20 वर्षों में 14% का सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न (CAGR) दिया है.

2. किस एसेट क्लास ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया?

सोने ने 14.7% CAGR के साथ शेयरों से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है.

3. मिड-कैप और स्मॉल-कैप का प्रदर्शन कैसा रहा?

मिड-कैप शेयरों ने 16.2% और स्मॉल-कैप शेयरों ने 14.2% का CAGR दिया, जो लार्ज-कैप से बेहतर है.

4. लंबी अवधि के निवेश में कितना जोखिम है?

रिपोर्ट के अनुसार, 7 से 10 साल की होल्डिंग अवधि में निफ्टी 50 में नकारात्मक रिटर्न की संभावना शून्य हो जाती है.

5. 35 साल में भारतीय शेयर बाजार ने कितना रिटर्न दिया है?

पिछले 35 वर्षों में घरेलू शेयर बाजारों ने 13.6% का CAGR हासिल किया है, जिससे संपत्ति 88 गुना बढ़ी है.

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