Last Updated on September 7, 2025 11:52, AM by Khushi Verma
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) के लिए आने वाला हफ्ता काफी अहम साबित हो सकता है. अगले हफ्ते बाजार की चाल घरेलू और विदेशी दोनों कारकों पर निर्भर करेगी. टैरिफ में बदलाव, खुदरा महंगाई के आंकड़े, एफआईआई की गतिविधियां और ग्लोबल आर्थिक संकेतक बाजार की दिशा तय करेंगे.
12 सितंबर को खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर नजर
सरकार 12 सितंबर को खुदरा महंगाई के ताजा आंकड़े जारी करेगी. जुलाई में खुदरा महंगाई दर 1.55% दर्ज की गई थी. महंगाई दर यह बताती है कि आम जनता के लिए जरूरी सामानों की कीमतें कितनी तेजी से बढ़ रही हैं. अगर महंगाई दर में गिरावट आती है तो बाजार को राहत मिल सकती है, जबकि बढ़ोतरी बाजार के लिए चुनौती बन सकती है.
अमेरिका का टैरिफ छूट फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया है. इस आदेश के तहत सोमवार से कई ट्रेडिंग पार्टनर्स को कुछ औद्योगिक निर्यात पर टैरिफ छूट दी जाएगी. इसमें निकल, सोना, फार्मास्युटिकल कंपाउंड और केमिकल जैसी महत्वपूर्ण वस्तुएं शामिल हैं. यह फैसला ग्लोबल ट्रेड सेंटीमेंट पर असर डाल सकता है और भारतीय बाजार में भी सकारात्मक रुख ला सकता है.
अमेरिकी आंकड़ों का असर
अगले हफ्ते अमेरिका में महंगाई दर, बेरोजगारी दावे (जॉबलेस क्लेम) और अन्य आर्थिक डेटा जारी होंगे. इन आंकड़ों का असर अमेरिकी बाजार के साथ-साथ भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलेगा. अगर अमेरिकी डेटा मजबूत आता है, तो विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है.
बीते हफ्ते का बाजार प्रदर्शन
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छा साबित हुआ. निफ्टी 314.15 अंकों या 1.29% की बढ़त के साथ 24,741 पर बंद हुआ. वहीं, सेंसेक्स 901.11 अंक या 1.13% चढ़कर 80,710.76 पर पहुंचा. सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो 1-5 सितंबर के बीच निफ्टी ऑटो 5.45%, निफ्टी मेटल 5.75%, निफ्टी एनर्जी 1.96%, निफ्टी पीएसयू बैंक 1.47%, निफ्टी कमोडिटी 2.52% और निफ्टी कंजप्शन 2.58% बढ़े. केवल निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.55% की गिरावट के साथ बंद हुआ.
FII-DII की गतिविधियां
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बीते हफ्ते 5,666.90 करोड़ रुपये की बिकवाली की. हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने बाजार को सपोर्ट दिया और 13,444.09 करोड़ रुपये की खरीदारी की. यह दिखाता है कि घरेलू निवेशक भारतीय इक्विटी मार्केट को लेकर अभी भी पॉजिटिव हैं.
टेक्निकल एनालिसिस
एसबीआई सिक्योरिटीज के टेक्निकल रिसर्च और डेरिवेटिव्स हेड सुदीप शाह के मुताबिक, पिछले हफ्ते निफ्टी में उतार-चढ़ाव ज्यादा रहा. हर ट्रेडिंग सत्र में गैप-अप या गैप-डाउन ओपनिंग देखने को मिली. हालांकि, साप्ताहिक चार्ट पर निफ्टी का ट्रेंड बुलिश नजर आ रहा है. टेक्निकल चार्ट्स के हिसाब से निफ्टी के लिए 24,950-25,000 का स्तर रुकावट (रेजिस्टेंस) का काम करेगा, जबकि 24,550-24,500 का स्तर मजबूत सपोर्ट है.
निवेशकों के लिए संकेत
आने वाले हफ्ते में निवेशकों को घरेलू महंगाई के आंकड़े, अमेरिकी आर्थिक डेटा और टैरिफ छूट जैसे बड़े फैसलों पर नजर रखनी होगी. अगर महंगाई काबू में रहती है और ग्लोबल बाजार से पॉजिटिव संकेत आते हैं, तो निफ्टी और सेंसेक्स नए हाई की ओर बढ़ सकते हैं. हालांकि, एफआईआई की बिकवाली का दबाव बाजार में वोलैटिलिटी ला सकता है.
खबर से जुड़े FAQs
Q1. अगले हफ्ते शेयर बाजार के लिए सबसे अहम कारक क्या रहेंगे?
महंगाई के आंकड़े, अमेरिकी आर्थिक डेटा, टैरिफ में छूट और एफआईआई-डीआईआई की गतिविधियां सबसे अहम कारक होंगी.
Q2. निफ्टी और सेंसेक्स का मौजूदा ट्रेंड क्या है?
टेक्निकल चार्ट के अनुसार निफ्टी का ट्रेंड बुलिश है. रुकावट 25,000 के आसपास और सपोर्ट 24,500 पर है.
Q3. एफआईआई और डीआईआई की स्थिति क्या रही?
एफआईआई ने पिछले हफ्ते 5,666.90 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि डीआईआई ने 13,444.09 करोड़ रुपये की खरीदारी की.
Q4. किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली?
निफ्टी मेटल, निफ्टी ऑटो, निफ्टी कंजप्शन और निफ्टी कमोडिटी इंडेक्स में बढ़त दर्ज हुई.
Q5. निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
निवेशकों को वोलैटिलिटी के बीच मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश और स्टॉप-लॉस के साथ ट्रेडिंग करनी चाहिए.
