Last Updated on September 7, 2025 20:13, PM by Pawan
Stock Market: इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए. जीएसटी (GST) को रेशनलाइज बनाने को लेकर शुरुआती आशावाद कम होने और वैश्विक व्यापार तनाव फिर से उभरने के कारण इस हफ्ते बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) में लगभग 0.85% की तेजी आई. जिसमें मुख्य फोकस मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर रहा.
सेक्टरवार हालात
IT Sector- आर्थिक अनिश्चितता, उच्च ब्याज दरों और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण विवेकाधीन खर्च में कमी की चिंताओं के बीच निफ्टी आईटी (Nifty IT) इस हफ्ते 2.5% से ज्यादा गिर गया.
Metal और Auto Sector- सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी मेटल और ऑटो इंडेक्स में लगभग 1% की बढ़ोतरी हुई. वाहनों पर जीएसटी (GST) 28% से घटाकर 18% किए जाने के बाद आयशर मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयर 2-2% बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए.
मेटल सेक्टर से जुड़े शेयरों में, जीएमडीसी (GDMC) 11% उछलकर 509 रुपए पर पहुंच गया, जबकि नेशनल एल्युमीनियम और एनएमडीसी में 2% तक की बढ़त दर्ज की गई.
रियल्टी और FMCG- जबकि रियल्टी और एफएमसीजी इँडेक्स मुनाफावसूली के कारण 1.5% तक गिर गए.
बाजार को सहारा देने वाले फैक्टर
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- जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, आईटी सेक्टर के विपरीत, उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्र जैसे ऑटो और एफएमसीजी में तेजी आई, क्योंकि जीएसटी में कटौती (GST Rate Cut) से घरेलू खपत बढ़ेगी और मांग में सुधार में मदद मिलेगी.
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- उत्साहजनक व्यापक आर्थिक आंकड़े, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों (US Fed Rate) में कटौती की उम्मीद और सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने घरेलू शेयर बाजारों को कुछ सहारा दिया.
दबाव बढ़ाने वाले फैक्टर
हालांकि, ग्लोबल बॉन्ड मार्केट्स ने सतर्कता का माहौल बढ़ा दिया है, जहां यूरोजोन में बढ़ते कर्ज और राजकोषीय असंतुलन के कारण जर्मनी और फ्रांस 30-ईयर यील्ड दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए.
बाजार में सेंटीमेंट मिला-जुला रहेगा
विश्लेषकों का अनुमान है कि GST राहत, मजबूत खपत और सरकारी खर्च से घरेलू विकास से जुड़े सेक्टर्स को फायदा होने के कारण बाजार में सेंटीमेंट मिला-जुला रहेगा, जबकि वैश्विक व्यापार वार्ता जोखिम उठाने की क्षमता को सीमित करती रहेगी
एक्सपर्ट्स की राय
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के विनोद नायर के मुताबिक, इस माहौल में मल्टी-एसेट निवेश रणनीति के जोर पकड़ने की उम्मीद है. ट्रेडर्स का ध्यान यूएस जॉब रिपोर्ट पर है, जो एक व्यापक कारक है जो फेड की ब्याज दरों में कटौती को प्रभावित कर सकता है. यूएस नॉनफॉर्म पेरोल्स, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और ईसीबी के ब्याज दरों के फैसले भी इस हफ्ते निवेशकों का मार्गदर्शन करेंगे.
मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग हाउस के अनुसार, वीकली पैमाने पर, निफ्टी ने एक इनसाइड बार पैटर्न बनाकर एक व्यापक दायरे में कंसोलिडेट किया है. 24,500 और 24,650 के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है, लेकिन अब इसे 24,700 के स्तर से ऊपर बने रहना होगा ताकि 24,850 और फिर 25,000 के स्तर तक ऊपर की ओर बढ़ सके.
सोना ऑल टाइम हाई पर, रुपये पर दबाव
घरेलू स्तर पर, लगातार विदेशी निकासी ने रुपये पर दबाव डाला, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया. इस बीच, सुरक्षित निवेश की मांग ने सोने की कीमतों (Gold Price) को सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा दिया.
जीएसटी को रेशनलाइज बनाने से उपभोग को बढ़ावा मिलने, टैक्स सिस्टम को आसान बनाने, अनुपालन बोझ को कम करने और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे कर आधार का विस्तार होगा.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार का रुख कैसा रहा?
निफ्टी और सेंसेक्स में लगभग 0.85% की बढ़त दर्ज की गई.
Q2. बाजार में किस शेयरों पर ज्यादा फोकस रहा?
इस हफ्ते मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर निवेशकों का ज्यादा ध्यान रहा.
Q3. कौन-से सेक्टर सबसे ज्यादा गिरे?
आईटी सेक्टर 2.5% से ज्यादा गिरा.
Q4. किस सेक्टर ने सबसे ज्यादा मजबूती दिखाई?
मेटल और ऑटो सेक्टर करीब 1% चढ़े.
Q5. बाजार को सहारा देने वाले प्रमुख फैक्टर कौन-से रहे?
वाहनों पर GST दर घटकर 28% से 18% हुई. घरेलू खपत और मांग बढ़ने की उम्मी
