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Vedanta ने JAL को खरीदने की बोली जीती, ₹17000 करोड़ में होगा अधिग्रहण, इन कंपनियों को पीछे छोड़ा

Vedanta ने JAL को खरीदने की बोली जीती, ₹17000 करोड़ में होगा अधिग्रहण, इन कंपनियों को पीछे छोड़ा

Last Updated on September 6, 2025 11:39, AM by Pawan

 

Vedanta Share Price: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता (vedanta) कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) का अधिग्रहण करेगी. कंपनी ने अदानी ग्रुप को पीछे छोड़ते हुए अधिग्रहण के लिए 17,000 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई है.

दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही थी JAL

जयप्रकाश एसोसिएट्स का कारोबार रियल एस्टेट, सीमेंट, बिजली, होटल और सड़क जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है. लेकिन भारी कर्ज और लोन भुगतान चुकाने में असफल रहने की वजह से कंपनी पर दिवाला कार्यवाही (CIRP) चल रही थी.

जेएएल के कर्जदाताओं ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत कंपनी की बिक्री के लिए एक प्रक्रिया आयोजित की.

बोली प्रक्रिया में मुकाबला

जेएएल को खरीदने की प्रक्रिया में कई कंपनियों ने रुचि दिखाई थी. Dalmia Bharat, Vedanta Group, Jindal Power और PNC Infratech ने भी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) को खरीदने के लिए बोली लगाई थी हालांकि, आखिर तक केवल वेदांता और अदानी ग्रुप ही दावेदार बचे.

वेदांता (Vedanta) ने 17,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर अधिग्रहण की दौड़ जीत ली. इस बोली के बाद कंपनी का शुद्ध मौजूदा मूल्य (NPV) करीब 12,505 करोड़ रुपये रहा.

सौदे का असर

इस अधिग्रहण से वेदांता को सीमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मजबूत पकड़ मिलेगी. वहीं JAL के कर्जदाताओं के लिए भी अपने बकाया की वसूली आसान हो जाएगी.

क्या है मामला?

पिछले साल जून में, JAL को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, इलाहाबाद पीठ के माध्यम से कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में शामिल किया गया था. समूह द्वारा nav के भुगतान में चूक के बाद इसे दिवालियेपन की कार्यवाही में ले जाया गया था.

JAL के बड़े एसेट्स

रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स- जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स (Jaypee Greens), नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन (Jaypee Greens Wishtown) का एक हिस्सा (दोनों राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में) और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी (Jaypee International Sports City) जैसी प्रमुख रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स हैं, जो आगामी जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास रणनीतिक रूप से स्थित है.

कमर्शियल/ऑफिस स्पेस- इसके दिल्ली-एनसीआर में तीन कमर्शियल/इंडस्ट्रियल ऑफिस भी हैं.

होटल डिवीजन- जबकि इसके होटल विभाग की दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच एसेट्स हैं.

सीमेंट बिजनेस- जेएएल के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 4 सीमेंट संयंत्र हैं, और मध्य प्रदेश में कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें हैं. हालांकि, ये सीमेंट संयंत्र बंद हैं.

अन्य निवेश- इसने जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड, जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड और कई अन्य कंपनियों सहित सहायक कंपनियों में भी निवेश किया है.

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