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GST कटौती से दौड़ेंगे ये 4 शेयर, 26% तक रिटर्न का मौका, JM फाइनेंशियल ने जताया भरोसा

GST कटौती से दौड़ेंगे ये 4 शेयर, 26% तक रिटर्न का मौका, JM फाइनेंशियल ने जताया भरोसा

Last Updated on September 4, 2025 20:18, PM by Pawan

Cement Stocks: जीएसटी काउंसिल ने सीमेंट पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करने का बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला 22 सितंबर से लागू हो सकता है। माार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सीमेंट इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल का मानना है कि यह सुधार न केवल ग्राहकों बल्कि सीमेंट कंपनियों के लिए भी लंबे समय तक फायदेमंद साबित हो सकता है।

JM Financial ने अपनी रिपोर्ट में सीमेंट सेक्टर की चार कंपनियों को लेकर बुलिश रुख अपनाया है। इनमें अंबुजा सीमेंट, बिड़ला कॉरपोरेशन, जेके सीमेंट और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल है। ब्रोकरेज ने इन चारों शेयरों को ‘BUY’ की रेटिंग दी है। इसने अंबुजा सीमेंट्स के लिए 675 रुपये का टारगेट प्राइस, बिड़ला कॉरपोरेशन के लिए 1,650 रुपये का टारगेट प्राइस, जेके सीमेंट के लिए 7,700 रुपये का टारगेट प्राइस और अल्ट्राटेक सीमेंट के लिए 14,150 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।

ब्रोकरेज का कहना है कि मौजूदा स्तर से इन शेयरों में 26% तक का अपसाइड संभव है। इसके अलावा इसने ACC, डालमिया भारत (Dalmia Bharat), रैमको सीमेंट्स (Ramco Cements), श्री सीमेंट्स (Shree Cement) और स्टार सीमेंट (Star Cement) को ‘Hold’ की रेटिंग दी है।

कीमतों में कितनी गिरावट होगी?

रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत करने से सीमेंट के दाम में 25 रुपये से 30 रुपये प्रति बोरी तक की गिरावट आ सकती हैं। हालांकि, इसका लाभ निकट भविष्य में ग्राहकों तक पहुंचाना होगा। लेकिन मध्यम और लंबी अवधि में यह कदम डिमांड बढ़ाने और कंपनियों की प्राइसिंग पावर बनाए रखने में मदद करेगा।

डिमांड और लिक्विडिटी पर असर

JM Financial का मानना है कि निकट अवधि में मांग सीमित रह सकती है क्योंकि डीलर्स नई दरों के लागू होने का इंतजार करेंगे। ऐसे में वे अपने पास कम इनवेंट्री रखेंगे। इसके अलावा, नॉन-ट्रेड सेल्स (जो वॉल्यूम का 25–30% हिस्सा हैं) में वर्किंग कैपिटल की स्थिति सुधरेगी और चैनल पार्टनर्स के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी।

लागत और कोयले पर असर

जीएसटी काउंसिल ने कोयले पर टैक्स 5% से बढ़ाकर 18% कर दिया है, लेकिन यह कंपनियों के लिए न्यूट्रल रहेगा क्योंकि इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का पूरा लाभ लिया जा सकेगा। वहीं, क्लीन एनर्जी सेस (₹400 प्रति टन) को हटाना खास तौर पर पूर्वी और मध्य भारत की कंपनियों के लिए फायदेमंद होगा। इससे इंडस्ट्री के स्तर पर 5–10 रुपये प्रति टन का लाभ मिलेगा।

SGST इंसेंटिव्स पर दबाव

JM Financial ने चेतावनी दी है कि जीएसटी रेशनलाइजेशन से कंपनियों की इंसेंटिव इनकम पर असर पड़ सकता है। अनुमान है कि राज्य जीएसटी (SGST) इनसेंटिव्स में 30–35% तक की कमी होगी। इससे कंपनियों के EBITDA पर 2–4% का दबाव पड़ सकता है, यानी 20–40 रुपये प्रति टन या 1 से 2 रुपये प्रति बैग का असर। खासकर मध्य भारत की कंपनियां जो इनसेंटिव पर अधिक निर्भर हैं, उनकी प्राइसिंग फ्लेक्सिबिलिटी कम हो सकती है।

डिस्क्लेमरः stock market news पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Stock market news यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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