GST exemption on insurance: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और सभी राज्यों के मंत्रियों की मौजूदगी में हुई GST काउंसिल की बैठक में बुधवार को बड़ा फैसला लिया गया। काउंसिल ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से पूरी तरह छूट देने की घोषणा की है। यह छूट 22 सितंबर 2025 यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगी।
अभी हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर 18% GST लगता है। छूट के बाद इनके प्रीमियम करीब 15% तक सस्ते हो सकते हैं। हालांकि, इस कदम से सरकार को हर साल 1.2 से 1.4 अरब डॉलर तक का रेवेन्यू नुकसान हो सकता है।
बीमा कंपनियों पर असर
HSBC की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियम घटने से बीमा की मांग बढ़ेगी, लेकिन कंपनियों पर 3-6% तक असर पड़ सकता है क्योंकि पुराने रिन्यूअल को रीप्राइस करने में 12-18 महीने लग सकते हैं। साथ ही, खर्च अनुपात और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की उपलब्धता यह तय करेगी कि छूट का फायदा किस हद तक ग्राहकों तक पहुंचेगा।
टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव
काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर को भी दो प्रमुख स्लैब- 5% और 18% में बदलने को मंजूरी दी गई। वहीं, लग्जरी और ‘सिन गुड्स’ (जैसे तंबाकू, सॉफ्ट ड्रिंक्स और हाई-एंड गाड़ियां) पर 40% की दर तय की गई है। इस बदलाव के बाद 12% और 28% वाले स्लैब खत्म हो जाएंगे। जरूरी वस्तुओं को 5% टैक्स स्लैब में रखा जाएगा जबकि अधिकतर सामान और सेवाएं 18% टैक्स स्लैब में आएंगी।
रोजमर्रा की चीजों पर राहत
इसके अलावा काउंसिल ने दवाइयों, ग्रॉसरी, सीमेंट और छोटी कारों जैसे कई रोजमर्रा की चीजों पर GST घटा दिया है। इसका मकसद आम जनता को राहत देना और घरेलू खपत बढ़ाना है। वहीं, तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक और लग्जरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। इसका मकसद रेवेन्यू नुकसान की कुछ हद तक भरपाई करना है।
