Last Updated on September 3, 2025 10:48, AM by Khushi Verma
Vikran Engineering IPO Listings: विक्रान इंजीनियरिंग के शेयरों की लिस्टिंग फीकी रही। कंपनी के शेयरों ने महज 2 पर्सेंट के मामूली प्रीमियम के साथ स्टॉक एक्सचेंजों पर एंट्री की। विक्रान इंजीनियरिंग के शेयर एनएसई पर 99 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुए, जो इसके 97 रुपये के आईपीओ प्राइस से महज 2 फीसदी ज्यादा है।
ग्रे मार्केट से कम रहा प्रीमियम
लिस्टिंग प्रीमियम ग्रे मार्केट के अनुमानों से भी काफी कम रहा। विक्रान इंजीनियरिंग के शेयर लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में 104 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहे थे, जो करीब 7% का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) दिखा रहा थे। लेकिन मार्केट में डेब्यू पर इसका प्रीमियम सिर्फ 2% तक सीमित रहा।
विक्रान इंजीनियरिंग के 772 करोड़ रुपये के आईपीओ को निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। 26 अगस्त से 29 अगस्त तक खुले इस आईपीओ को कुल 24 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला था। कंपनी ने शेयर का प्राइस बैंड ₹92-97 प्रति शेयर तय किया था।
कंपनी ने बताया कि वह आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि में से 541 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में करेगी। वहीं बाकी राशि दूसरे सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
विक्रान इंजीनियरिंग टर्नकी बेसिस पर सेवाएं देती है, जिसमें कॉन्सेप्ट डिजाइन, सप्लाई, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग और कमीशनिंग तक की पूरी जिम्मेदारी शामिल है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अजकॉन ग्लोबल सर्विसेज के रिसर्च एनालिस्ट, अखिलेश देसाई ने कहा, “शॉर्ट-टर्म निवेशक 15-20% से ज्यादा प्रीमियम मिलने पर मुनाफा बुक कर सकते हैं। वहीं, लॉन्ग-टर्म निवेशकों को कंपनी की कमाई पर नजर रखनी चाहिए और तभी निवेश जारी रखना चाहिए जब वे इसके भविष्य को लेकर आश्वस्त हों।”
वहीं आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के फंडामेंटल रिसर्च हेड, नरेंद्र सोलंकी ने कहा, “बड़े प्रोजेक्ट्स को लगातार समय पर पूरा करने का रिकॉर्ड, एसेट-लाइट मॉडल और पूरे भारत में उपस्थिति के चलते विक्रान इंजीनियरिंग मजबूत स्थिति में है। तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मौकों का फायदा उठाने के लिए यह कंपनी अच्छी तरह तैयार है। निवेशक इसे लॉन्ग-टर्म के लिए होल्ड कर सकते हैं।”