Last Updated on September 3, 2025 15:06, PM by Khushi Verma
सेबी ने 3 सितंबर से इनसाइडर ट्रेडिंग पर सीनियर बैंकर्स के लिए एक क्रैश कोर्स शुरू किया है। इस क्रैश कोर्स में बैंकर्स को उन जानकारियों के दुरूपयोग के खतरों के बारे में बताया जाएगा, जिनका असर शेयरों की कीमतों पर पड़ सकता है। इन जानकारियों के दुरूपयोग रोकने के तरीकों के बारे में भी बताया जाएगा। समय-समय पर इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले सामने आते रहते हैं। इनसे सबसे ज्यादा नुकसान रिटेल इनवेस्टर्स को होता है।
कई बार क्लाइंट्स से स्टाफ को संवेदनशील जानकारियां मिल जाती हैं
एक सीनियर बैंकर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “कई बार क्लाइंट्स ऐसी जानकारियों की चर्चा स्टाफ के साथ करते हैं, जिनका असर शेयरों की कीमतों पर पड़ सकता है। स्टाफ से रिलेशनशिप की वजह से ऐसा होता है। ऐसी जानकारियों के दुरूपयोग को रोकना जरूरी है।” एक दूसरे व्यक्ति ने बताया कि कोर्स का पहले सेशन मुंबई में हो रहा है। इसकी वजह यह है कि मुंबई देश का फाइनेंशियल हब है। ज्यादातर बैंकों के हेडक्वार्टर्स मुंबई में हैं। बाद में कोर्स के सेशन दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता में होंगे। लेकिन, ऐसा तभी होगा जब इसकी जरूरत महसूस की जाएगी।
बैंकर्स के इनसाइडर ट्रेडिंग करने के कई मामले आ चुके हैं
मनीकंट्रोल ने इस साल 5 मई को खबर दी थी कि सेबी संवेदनशील जानकारियों के दुरूपयोग को रोकने के लिए बैंकर्स के लिए एक ट्रेनिंग मॉड्यूल का प्लान बना रहा है। इस बारे में सेबी को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। इस मसले से जुड़े लोगों ने बताया कि सेबी को बैंक स्टाफ की तरफ से प्राइस-सेंसेटिव इंफॉर्मेशन के दुरूपयोग के बारे में जानकारियां मिली थी। हाल में सामने आए ऐसे एक मामले में एक प्राइवेट बैंक के सीनियर अफसर ने कुछ ऐसी कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग की, जो बैंक की क्लाइंट्स थीं। इसके बाद सेबी को ऐसे कोर्स की जरूरत महसूस हुई।
क्रैश कोर्स के बाद ऐसे मामलों में कमी आने की उम्मीद
सेबी का मानना है कि अगर बैंकों के सीनियर अफसरों को प्राइस सेंसेटिव इंफॉर्मेशन के बारे में जागरूक किया जाए तो इनसाइडर ट्रेडिंग के मामलों में कमी लाने में मदद मिल सकती है। बैंकर्स को आम तौर पर ऐसी जानकारियों का पता चलता रहता है, जो शेयरों की कीमतों के लिहाज से काफी संवेदनशील होती हैं। इनमें बड़े अमाउंट के लोन की मंजूरी, डेट रीस्ट्रक्चरिंग जैसे मामले शामिल होते हैं। ऐसी जानकारियों का असर शेयरों की कीमतों पर पड़ने की संभावना होती है। ऐसे में कोई बैंकर ऐसी जानकारियों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकता है।
कई बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स की कीमतों आता है अचानक उछाल
पहले कई कंपनियों खासकर बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स की कीमतों में अचानक उछाल के मामले आ चुके हैं। इसकी वजह संवेदनशील जानकारियों का दुरूपयोग हो सकता है। हालांकि, बैंकों में पहले से इनसाइडर इंफॉर्मेशन को लेकर पॉलिसी हैं। लेकिन, सेबी का मानना है कि क्रैश कोर्स से बैंकर्स को ऐसे मामलों में ज्यादा सावधानी बरतने को प्रेरित किया जा सकता है। इससे इनसाइडर ट्रेडिंग के मामलों में कमी आ सकती है।