Last Updated on September 3, 2025 10:48, AM by Khushi Verma
Market trend : कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी 3 सितंबर को सुस्ती के साथ खुले हैं। सुबह 9:35 बजे के आसपास निफ्टी 10 अंक यानी 0.05 फीसदी की गिरावट के साथ 24565 के आसपास कारोबार कर रहा था। वहीं, सेंसेक्स 111.46 अंक यानी 0.14 फीसदी की कमजोरी के साथ 80,042 के आसपास कारोबार कर रहा है।
कल, 2 सितंबर को बाज़ार ने मज़बूत शुरुआत के बाद कारोबारी सत्र के अंतिम हिस्से में सारी तेजी खो दी थी। निफ्टी की पहली मंगलवार की एक्सपायरी के दौरान मुनाफ़ावसूली हावी हो गई। सेंसेक्स अपने इंट्राडे हाई से लगभग 600 अंक नीचे बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 24,600 के नीचे बंद हुआ था। सेक्टोरल इंडेक्सों के रुझान मिले-जुले रहे थे। एफएमसीजी,मेटल और सरकारी बैंकों में तेज़ी देखने को मिली थी। जबकि ऑटो, फार्मा और आईटी शेयरों में बिकवाली का दबाव देखने को मिला था।
अब बाजार की नजर आज से शुरू हो रही जीएसटी काउंसिल की बैठक पर है। काउंसिल ने प्रोडक्ट्स को मौजूदा 12 फीसदी और 28 फीसदी की दरों से हटाकर 5 फीसदी और 8 फीसदी के दो स्लैब्स में डालने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, कुछ वस्तुओं पर 40 फीसदी के अलग स्लैब में डालने का सुझाव है।
अगर ये बदलाव लागू किए गए, तो ये खपत वाले सेक्टर के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकते हैं। टैक्स घटने और मज़बूत प्राइसिंग पावर की उम्मीदों के दम पर FMCG शेयरों में लगातार तीन सत्रों में बढ़त देखने को मिली है।
इन अहम स्तरों पर रहे नजर
सेबी-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट और लाइवलॉन्ग वेल्थ के फाउंडर हरिप्रसाद के ने कहा कि तकनीकी रूप से, निफ्टी 50 इंडेक्स को 24,600 पर तत्काल रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है। जबकि, नीचे की तरफ इसके लिए 24,550 और 24,430 पर सपोर्ट है। 24,734 से ऊपर जाने पर ही निफ्टी में नई तेजी देखने को मिल सकती है। जबकि, 24600 के नीचे जाने पर निफ्टी में और गिरावट आ सकती है।
दूसरे अहम आंकड़ों पर नजर डालें तो 2 सितंबर को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 1,171.04 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,433.82 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीद के साथ बाजार को सपोर्ट दिया है।
ग्लोबल सेंटीमेंट कमज़ोर बना हुआ है। कल वॉल स्ट्रीट ने सितंबर की शुरुआत सुस्ती के साथ की। बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी,राजकोषीय चिंताओं और फेडरल रिजर्व की नीति को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली। निवेशक इस सप्ताह के अंत में आने वाली रोज़गार रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। इससे ब्याज दरों में कटौती के संकेत मिल सकेंगे। इस बीच, सुरक्षित निवेश विकल्प होने के चलते सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों पर पहुंच गईं हैं।