Last Updated on September 3, 2025 9:37, AM by Pawan
SME IPO Index : चार साल की शानदार बढ़त के बाद, बीएसई एसएमई आईपीओ इंडेक्स 2025 में अपनी गति खोता दिख रहा है। अब तक इसमें लगभग 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यह सुस्ती पिछले चार सालों की शानदार तेजी के बाद आई है। गौरतलब है कि SME IPO Index में 2021 में 1,100 प्रतिशत, 2022 में 43 प्रतिशत, 2023 में 96 प्रतिशत और 2024 में 147 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी।
इस साल बाजार में फिर से वोलैटिलिटी लौट आई है। जनवरी की शुरुआत में रिकॉर्ड 1,22,298 अंक छूने वाला इंडेक्स अब अपने टॉप से लगभग 12 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है।
प्रैक्टस के फाउंडर और चीफ ग्रोथ ऑफीसर एस.वेंकट के मुताबिक मार्जिनल गिरावट पिछली लिमिट के भीतर ही है। उन्होंने कहा,”इस सेगमेंट में वोलैटिलिटी स्वाभाविक है,लेकिन नए इश्यू की मज़बूत पाइपलाइन से संकेत मिलता है कि निवेशकों की मांग और आईपीओ आने की दर, दोनों ही मज़बूत बनी हुई हैं।”
बाजार जानकार इस सुस्ती का कारण हाल के वर्षों की जोरदार तेजी को मानते हैं। इस अंधाधुंध तेजी में कई कंपनियां कमजोर फंडामेंटल्स के बावजूद 90 फीसदी से अधिक के प्रीमियम पर लिस्ट हुई थीं। रिटेल निवेशकों में पीछे रह जाने के डर के काऱण कुछ ज्यादा ही जोश देखने को मिला था। कई शेयर हालिया गिरावट के पहले अविश्वसनीय ऊंचाइयों तक पहुंच गए थे। तीर्थ गोपीकॉन इसका एक बड़ा उदाहरण है। 2024 में 111 रुपये पर लिस्ट होने के बाद, यह शेयर 774 रुपये तक उछला और फिर 88 रुपये तक गिर गया जो इसके इश्यू प्राइस से लगभग 20 प्रतिशत कम है।
मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि निवेशक अनिश्चित मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति में अब कमजोर ट्रैक रिकॉर्ड वाली छोटी कंपनियों से दूरी बना रहे हैं। तिमाही खुलासों की कमी (एसएमई साल में केवल दो बार ही नतीजे प्रकाशित करते हैं) ने समस्या को और बढ़ा दिया है, जिससे निवेशकों के पास विश्वास जमाने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं है। कमज़ोर गवर्नेस, खराब बिजनेस मॉडल और आईपीओ की अधिक सप्लाई ने इस सेगमेंट पर और दबाव डाला है।