Last Updated on September 2, 2025 18:01, PM by Khushi Verma
Reliance Jio IPO Prediction: मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो का आईपीओ अगले साल शेयर मार्केट में आने के लिए तैयार है। इस आईपीओ का निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की बड़ी हिस्सेदारी
जियो प्लेटफॉर्म्स की कमाई में जियो का हिस्सा लगभग 85% है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास जियो प्लेटफॉर्म्स की 66.3% हिस्सेदारी है, जबकि मेटा के पास 10% और गूगल के पास 7.7% हिस्सेदारी है। इसके अलावा, कुछ प्राइवेट इक्विटी निवेशकों के पास भी कंपनी के शेयर हैं।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग नाम की एक कंपनी ने इस बारे में कहा कि एजीएम में कंपनी ने वैल्यू अनलॉक करने की बात को और मजबूत किया है। ब्रोकरेज का कहना है कि आईपीओ एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन जिस तरह से इसे किया जा रहा है, उससे रिलायंस इंडस्ट्रीज के लेवल पर होल्डिंग कंपनी को कुछ नुकसान हो सकता है। उनका यह भी मानना है कि टेलीकॉम सेक्टर में सुधार और बाजार में मिलने वाले प्रीमियम से यह नुकसान भरपाई हो जाएगा।जेएम फाइनेंशियल का कहना है कि लिस्टिंग की समयसीमा से यह संभावना बढ़ जाती है कि टेलीकॉम बिजनेस में नवंबर-दिसंबर 2025 तक लगभग 15% की टैरिफ बढ़ोतरी हो सकती है। इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल दोनों को फायदा होगा। ब्रोकरेज ने जियो के ग्राहकों की संख्या पर भी ध्यान दिया। जियो के ग्राहकों की संख्या 500 मिलियन से ज्यादा हो गई है।
एक्सपर्ट को किस बात की चिंता
एनालिस्ट्स इस बात से सहमत हैं कि आईपीओ भारतीय कैपिटल मार्केट के लिए एक ऐतिहासिक घटना है, लेकिन उन्हें इसके पूरा होने को लेकर कुछ चिंताएं हैं। एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने कहा कि आक्रामक समयसीमा (खासकर न्यू एनर्जी में) के हिसाब से डिलीवरी करना एक चुनौती होगी। हालांकि, उनका यह भी मानना है कि FY25 और FY28 के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज का EBITDA और प्रॉफिट क्रमशः 14% और 12% की CAGR से बढ़ेगा।
नुवामा के एनालिस्ट्स ने अलग से चेतावनी दी है कि आईपीओ से वैल्यू तो अनलॉक हो सकती है, लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरधारकों को होल्डिंग कंपनी वैल्यूएशन डिस्काउंट के कारण ज्यादा फायदा नहीं हो पाएगा।
किस चीज पर रहेगी नजर?
जैसे-जैसे अंबानी जियो को ग्लोबल टेलीकॉम कंपनियों के बराबर लाने की कोशिश कर रहे हैं, निवेशकों की नजर टैरिफ में बदलाव और कैपिटल एलोकेशन के फैसलों पर रहेगी। साथ ही नजर इस बात पर भी होगी कि लिस्टिंग स्ट्रक्चर सही मायने में वैल्यू अनलॉक कर पाता है या नहीं, या रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर डिस्काउंट पर ट्रेड करते रहेंगे।
