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Market outlook : लाल निशान में बंद हुआ बाजार, जानिए 3 सितंबर को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Market outlook : लाल निशान में बंद हुआ बाजार, जानिए 3 सितंबर को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Last Updated on September 2, 2025 17:01, PM by Khushi Verma

Stock market : बाजार ने मजबूत शुरुआत के बाद कारोबारी सत्र के अंतिम हिस्से में अपनी चाल बदल दी और निफ्टी 24,600 के नीचे फिसल गया। आज ये दिन के उच्चतम स्तर से लगभग 200 अंक नीचे बंद हुआ है। हालांकि मिडकैप इंडेक्स ने कुछ बढ़त गंवाई, फिर भी यह हरे निशान में बंद हुआ। एनएसई का एडवांस डिक्लाइन अनुपात 2:1 पर रहने के साथ बाजार का रुख पॉजिटिव रहा। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 207 अंक या 0.26 फीसदी की गिरावट के साथ 80,157.88 पर बंद हुआ। जबकि, निफ्टी 50 इंडेक्स 45 अंक या 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,579.60 पर बंद हुआ। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों ने 0.27 प्रतिशत और 0.64 प्रतिशत की बढ़त के साथ बेहतर प्रदर्शन किया।

आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे निफ्टी हैवी वेट शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। जबकि, रिलायंस, एनटीपीसी, पावर ग्रिड और हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) से बाजार को सपोर्ट मिला। मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में बढ़त के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के लगभग ₹449 लाख करोड़ से बढ़कर लगभग ₹450 लाख करोड़ हो गया। आज 124 शेयरों ने 52-वीक हाई हिट किया। वहीं, 64 शेयरों ने 52-वीक लो छुआ।

एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि निफ्टी को 21EMA पर ज़बरदस्त रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ा, जिससे इंट्राडे में भारी गिरावट आई। निफ्टी के 24,850 के ऊपर वापस आने तक बिकवाली के मूड में बना रहेगा। डेली RSI 50 से नीचे की रीडिंग के साथ एक बियरिश क्रॉसओवर में है। शॉर्ट टर्म में बाजार का रुझान कमज़ोर रहने की संभावना है। निचले स्तर पर 24,500 पर सपोर्ट है, जबकि ऊपर की ओर 24,700 और 24,850 पर रेजिस्टेंस है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स में रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि एफएंडओ एक्सपायरी के बीच घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआती बढ़त थम गई। जीएसटी काउंसिल की बैठक और फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (एफएंडओ) की एक्सपायरी से पहले दिखी सतर्कता के बीच आई मुनाफावसूली के चलते सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। बैंकिंग शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई। इथेनॉल मानदंडों में ढील के कारण चीनी शेयरों में तेजी आई। वहीं, अमेरिका की नरम रुख वाली टिप्पणियों के बाद एक्सपोर्ट ओरिएंटेड कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। हालांकि, निवेशक सतर्क बने हुए हैं और ग्लोबल अनिश्चितता के बीच शॉर्ट टर्म के लिए घरेलू खपत से जुड़े शेयरों पर फोकस कर रहे हैं।

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