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बीते 6 महीनों में FPI की सबसे बड़ी बिकवाली, अगस्त में निकाले इतने हजार करोड़ | Zee Business

बीते 6 महीनों में FPI की सबसे बड़ी बिकवाली, अगस्त में निकाले इतने हजार करोड़ | Zee Business

Last Updated on August 31, 2025 14:03, PM by Khushi Verma

 

अगस्त 2025 में विदेशी निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से लगभग 34,993 करोड़ रुपये की भारी रकम निकाली है. यह पिछले 6 महीनों में सबसे बड़ी बिकवाली रही. जुलाई में एफपीआई ने करीब 17,741 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, यानी अगस्त में बिकवाली लगभग दोगुनी हो गई.

बिकवाली की बड़ी वजहें

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि यह बिकवाली वैश्विक और घरेलू कारकों, दोनों कारणों से हुई.

    • अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% तक का टैरिफ लगाने से बाजार की धारणा कमजोर हुई.

 

    • जून तिमाही में कुछ प्रमुख सेक्टर्स की कंपनियों की आय उम्मीदों से कम रही, जिससे बिकवाली को बल मिला.

 

    • अन्य बाजारों की तुलना में भारत में वैल्युएश अपेक्षाकृत ज्यादा है. एफआईआई सस्ते बाजारों में पैसा लगा रहे हैं.

फरवरी के बाद सबसे तेज बिकवाली

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अगस्त की बिकवाली फरवरी के बाद सबसे तेज थी, जब एफपीआई (FPI) ने 34,574 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे.

2025 में अब तक कितना निकाला पैसा?

    • डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इक्विटी में कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है.

 

    • यह सिलसिला पिछले साल भी जारी था. 2024 में एफआईआई द्वारा 1,21,210 करोड़ रुपए की कुल बिकवाली की गई थी.

एक्सपर्ट की राय

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ और कमजोर तिमाही नतीजों ने विदेशी निवेशकों का भरोसा हिलाया. इसके चलते उन्होंने भारतीय बाजार से दूरी बनानी शुरू कर दी.

विदेशी निवेशक यहां लगा रहे पैसा

    • एफआईआई (FII) स्टॉक एक्सचेंज में एक तरफ बिकवाली कर रहे हैं, दूसरी तरफ प्राइमरी मार्केट (आईपीओ, एफपीओ आदि) के जरिए इक्विटी में निवेश कर रहे हैं.

 

    • FPI ने अगस्त में 40,305 करोड़ रुपए का निवेश प्राइमरी मार्केट में किया है. टैरिफ नीतियों और एक्सचेंज रेट में अचानक बदलाव भी एफआईआई के व्यवहार पर असर डाल रहे हैं.

 

तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर भारत

    • दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, भारत 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.

 

    • सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के 2027 तक 4,26,45,000 करोड़ रुपए (5 ट्रिलियन डॉलर) के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) तक पहुंचने का अनुमान है और 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़ देगा.

 

    • 2030 तक, भारत 7.3 ट्रिलियन डॉलर के अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

 

भारत के आर्थिक विकास की रफ्तार तेज

भारत के आर्थिक विकास की रफ्तार तेज बनी हुई है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की GDP ग्रोथ रेट 7.8% के मजबूत स्तर पर पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की इसी तिमाही में यह ग्रोथ रेट 6.5% थी.

आगे इन फैक्टर्स पर रहेगी नजर

आने वाले हफ्ते में निवेशक एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और कम्पोजिट पीएमआई के साथ-साथ ऑटो बिक्री के आंकड़ों पर भी बारीकी से नजर रखेंगे. इसके अतिरिक्त, जीएसटी परिषद की बैठक पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

सवाल: अगस्त 2025 में FPI ने कितनी बिकवाली की?

जवाब: अगस्त में एफपीआई ने ₹34,993 करोड़ की बिकवाली की, जो पिछले 6 महीनों में सबसे तेज रही.

सवाल: क्या यह बिकवाली जुलाई से ज़्यादा थी?

जवाब: हां, जुलाई में एफपीआई ने ₹17,741 करोड़ की बिकवाली की थी. अगस्त की बिकवाली इससे लगभग दोगुनी रही.

सवाल: बिकवाली की मुख्य वजहें क्या रहीं?

जवाब: अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% तक का टैरिफ लगाना, कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और भारत में महंगा वैल्यूएशन रहा.

सवाल: 2025 में अब तक कुल कितनी बिकवाली हो चुकी है?

जवाब: 2025 में अब तक एफपीआई द्वारा ₹1.3 लाख करोड़ की इक्विटी बिकवाली हो चुकी है.

सवाल: क्या एफपीआई पूरी तरह भारतीय बाजार से बाहर निकल रहे हैं?

जवाब: नहीं. एफपीआई ने अगस्त में ₹40,305 करोड़ का निवेश प्राइमरी मार्केट में किया

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