Last Updated on August 31, 2025 14:04, PM by Khushi Verma
Market Cap: पिछले हफ्ते सेंसेक्स 1,497.2 अंक या 1.84% गिरा. पिछले हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट का असर देश की दिग्गज कंपनियों पर साफ दिखा. देश की टॉप 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से 8 का मार्केट कैप घट गया, जिससे कुल मिलाकर करीब 2.24 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी.
किन कंपनियों को हुआ नुकसान?
इसमें सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को हुआ.
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- रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप ₹70,707.17 करोड़ घटकर ₹18,36,424.20 करोड़ रह गया.
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- HDFC Bank का वैल्यूएशन ₹47,482.49 करोड़ घटकर ₹14,60,863.90 करोड़ पर आ गया.
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- ICICI Bank को ₹27,135.23 करोड़ का नुकसान हुआ और इसका मार्केट कैप ₹9,98,290.96 करोड़ रह गया.
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- भारती एयरटेल (Bharti Airtel) को ₹24,946.71 करोड़ की गिरावट झेलनी पड़ी, अब इसका मार्केट कैप ₹10,77,213.23 करोड़ है.
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- एसबीआई (SBI) का मार्केट कैप ₹12,692.1 करोड़ कम होकर ₹7,40,618.60 करोड़ पर आ गया.
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- इंफोसिस (Infosys) का वैल्यूएशन ₹7,540.18 करोड़ घटकर ₹6,10,463.94 करोड़ रहा.
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- बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) को ₹10,471.08 करोड़ का नुकसान हुआ और इसका एम कैप ₹5,45,490.31 करोड़ रहा.
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- एलआईसी (LIC) के वैल्यूएशन में भी गिरावट देखी गई. इसका मार्केट कैप ₹23,655.49 घटकर ₹5,39,047.93 करोड़ रहा.
किन कंपनियों को हुआ फायदा?
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- दूसरी ओर टीसीएस (TCS) का मार्केट कैप ₹11,125.62 करोड़ बढ़कर ₹11,15,962.91 करोड़ हो गया.
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- हिंदुस्तान यूनिलीवर ₹7,318 करोड़ का फायदा हुआ और अब इसका मार्केट कैप ₹6.24 लाख करोड़ है.
टॉप 10 कंपनियों की लिस्ट
रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही. इसके बाद एचडीएफसी बैंक, TCS, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस और एलआईसी का स्थान रह
FPI ने अगस्त में ₹35,000 करोड़ निकाले
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- विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भारतीय शेयर बाजारों से 34,993 करोड़ रुपये निकाले, जो पिछले छह महीनों में सबसे तेज बिकवाली थी.
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- यह बिकवाली भारतीय निर्यात पर अमेरिकी शुल्क और महंगे घरेलू मूल्यांकन के कारण हुई.
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- यह आंकड़ा जुलाई में हुई 17,741 करोड़ रुपये की बिकवाली से लगभग दोगुना था.
यहां निवेश कर रहे विदेशी निवेशक
एफआईआई (FII) स्टॉक एक्सचेंज में एक तरफ बिकवाली कर रहे हैं, दूसरी तरफ प्राइमरी मार्केट (आईपीओ, एफपीओ आदि) के जरिए इक्विटी में निवेश कर रहे हैं. एफआईआई ने अगस्त में 40,305 करोड़ रुपए का निवेश प्राइमरी मार्केट में किया है. टैरिफ नीतियों और एक्सचेंज रेट में अचानक बदलाव भी एफआईआई के व्यवहार पर असर डाल रहे हैं.
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर भारत
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, भारत 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के 2027 तक 4,26,45,000 करोड़ रुपए (5 ट्रिलियन डॉलर) के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) तक पहुंचने का अनुमान है और 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़ देगा.
2030 तक, भारत 7.3 ट्रिलियन डॉलर के अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएग
