Last Updated on August 28, 2025 17:07, PM by Khushi Verma
Stock markets : 28 अगस्त को भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी आज 24500 के आसपास बंद हुआ। निफ्टी में सबसे ज़्यादा गिरावट श्रीराम फाइनेंस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टीसीएस, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, इंफोसिस में देखने को मिली। जबकि टाइटन कंपनी, अदानी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज और हीरो मोटोकॉर्प में बढ़त दर्ज की गई। कारोबार के अंत सेंसेक्स 706 अंक या 0.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,080.57 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 211 अंक या 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,500.90 पर बंद हुआ।
सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए हैं। जिनमें बैंक, आईटी, रियल्टी, एफएमसीजी और दूरसंचार में 1-1% की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.1 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक में 0.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के 449 लाख करोड़ रुपए से घटकर लगभग 445 लाख करोड़ रुपए रह गया है। जिससे निवेशकों को लगभग 4 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा कि बाजार के सामने असली चुनौती हाई वैल्यूएशन और धीमी अर्निंग ग्रोथ है। बाजार को घरेलू संस्थागत निवेशकों की तरफ से की जा रही आक्रामक खरीदारी से सपोर्ट मिल रहा है। एफआईआई द्वारा की जा रही किसी भी बिकवाली को डीआईआई द्वारा की जा रही आक्रामक खरीदारी आसानी से बेअसर कर देगी। हालांकि, निवेशक घरेलू खपत वाले शेयरों पर फोकस करते हुए महंगे वैल्यूएशन वाले स्मॉलकैप शेयरों से निकलकर सुरक्षित माने जाने वाले फेयर वैल्यू लार्जकैप शेयरों में पैसा लगा सकते हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि 25 फीसदी एडिशनल अमेरिकी टैरिफ के लागू होने से बाजार पर दबाव बना है। किसी बड़े घरेलू इवेंट के अभाव में,ग्लोबल इंवेंट ही निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय करेंगे। तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी ने 100-डे ईएमए (24,600) पर अपने मध्यम अवधि के सपोर्ट स्तर को पार कर लिया है। इसका अगला सपोर्ट 24,250-24,350 के जोन में दिखाई दे रहा है, जो पिछले स्विंग लो और लॉन्ग टर्म 200-डे ईएमए के साथ मेल खाता। ऊपर की ओर 24,650-24,800 का जोन, जो पहले एक सपोर्ट जोन था, अब रेजिस्टेंस के रूप में कार्य कर सकता है। ट्रेडरों को सलाह है कि वे मौजूदा रुझान के अनुसार अपनी पोजीशन बनाए रखें और स्टॉक चुनने में सावधानी बरतें।